कांग्रेस को जमीन पर उतारने की कोशिश में जुटे देवेन्द्र यादव

0
69
कांग्रेस को जमीन पर उतारने की कोशिश में जुटे देवेन्द्र यादव

कांग्रेस को जमीन पर उतारने की कोशिश में जुटे देवेन्द्र यादव

हर महीने ब्लाक स्तर पर बैठक के ऐलान के बाद जिला स्तर पर बनाये पर्यवेक्षक

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,एक दशक से भी अधिक समय से राजधानी दिल्ली में लगभग हाशिये पर ही चल रही दिल्ली कांग्रेस को पटरी पर लाने के लिए दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव नें प्रयास शुरू कर दिए है | वैसे तो ये प्रयास अनिल चौधरी तथा अरविन्दर सिंह लवली नें भी किए थे लेकिन देवेंद्र यादव नें कुछ नई परंपरा शुरू करने का प्रयास किया है | हालांकि कांग्रेस में हमारी याद में तो ऐसा पहले कभी हुआ नहीं | आप पूछेंगे ऐसा क्या नया शुरू कर दिया देवेंद्र यादव नें | हां भाई पूछना भी चाहिए ,उन्होंने भाजपा की तर्ज पर यह अनिवार्य करने का फरमान जारी कर दिया है कि ब्लाक यानी कि वार्ड लेवल पर हर माह दो तारीख को संगठन की बैठक बुलाई जाए और हर पांच तारीख को जिला सन्गठन की बैठक हुआ करेगी , जिसमें संगठन की गतिविधियों पर ना केवल चर्चा हो बल्कि पार्टी हाईकमान द्वारा समय समय पर जारी निर्देशों पर अमल करने की योजना भी बनाई जाए |

समझ गए ना आप अभी तक जो कागजी शेर केवल सोशल मीडिया पर असली नकली फोटो डालकर पार्टी को चूना लगाते थे और अपने नम्बर बनाते थे उन पर लगाम कसी जा सकेगी | इतना ही नहीं देवेन्द्र यादव नें इन सब कामो पर निगरानी रखने के लिए हर जिले में एक दो नहीं बल्कि तीन-तीन पर्यवेक्षक भी तैनात कर दिए हैं जिनमे से हर जिले में एक खास आदमी उन्होंने अपना लगाया है ताकि पूरी ईमानदारी से रिपोर्ट उन तक पहुंचे और पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूती प्रदान की जा सके | जहां तक हमें ज्ञात है देवेन्द्र गुटबाजी की राजनीती से कम से कम अभी तक दूर हैं |

हालंकि उन्हें अजय माकन का करीबी माना जाता है लेकिन उनके सम्बन्ध दिल्ली के तमाम नेताओं से ठीक ठाक ही बताये जाते हैं,जिनके चलते सन्गठन खड़ा करने में उन्हें खास मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी | वैसे भी उन्हें दिल्ली के अलावा राजस्थान,उत्तरखंड तथा पंजाब की सियासत से काफी कुछ सीखने को मिला है इसके अलावा भले ही थोड़े समय उन्हें शीला दीक्षित के साथ भी सन्गठन में एक पारी खेली है | कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाने वाले पूर्व विधायकों से उन्हें जरुर सतर्क रहना होगा क्योंकि वे अपनी पसंद के कमजोर लोगो को ही ब्लाक अध्यक्ष बनने की पैरवी करते रहे हैं ताकि नई लीडरशिप डवलप ना हो | देवेन्द्र यह भली भांति जानते है कुछ माह बाद दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने है और थोड़ी से चूक भी ना केवल सन्गठन पर बल्कि खुद उनपर भी भारी पड़ेगी | आज बस इतना ही …

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here