एक पखवाड़े के भीतर ही दिल्ली कांग्रेस को पटरी पर ले आये देवेन्द्र यादव
लवली के इस्तीफे के बाद भवंर में फंस गई थी कांग्रेस
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,अपनी नियुक्ति के मात्र एक पखवाड़े के भीतर ही दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नियुक्त किये गए युवा नेता देवेन्द्र यादव नें अपनी काबलियत का परिचय देते हुए भवंर में फंसी दिल्ली कांग्रेस को ना केवल संभाल लिया है बल्कि बिखराव की सम्भावनाओं पर विराम लगाने में सफलता भी पा ली है | इसे देवेन्द्र यादव का सन्गठन में अनुभव और सूझ बूझ ही माना जाएगा | खासतौर से जब बीच आम चुनाव में तीन दशक से कांग्रेस की राजनीती में सक्रिय रहे प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द्र सिंह लवली नें ना केवल अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था बल्कि लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के प्रत्याशी घोषित होने के बाद अपने सशक्त समर्थक पूर्व विधायकों नसीब सिंह,नीरज बसोया ,पूर्व मंत्री राज कुमार चौहान तथा युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अमित मलिक के साथ भाजपा का दामन भी थाम लिया था | एक बार तो ऐसा लगा था मानों दिल्ली कांग्रेस की राजनीती में भूचाल आ गया और कांग्रेस की लुटिया ही डूब जायेगी | लेकिन लवली के इस्तीफ़ा देते ही पार्टी नें दो घंटे के भीतर ही उनका इस्तीफ़ा स्वीकार कर बिना किसी इन्जार के अगले दिन ही देवेन्द्र यादव के रूप में विकल्प भी तलाश लिया |
देवेन्द्र यादव नें भी बिना देरी किये ना केवल अपना पदभार संभाल लिया बल्कि तीव्रगति से अपना काम भी शुरू कर दिया | उनका पदभार ग्रहण प्रोग्राम भी इतना शानदार था कि एक लम्बे समय बाद किसी प्रोग्राम में इतनी भीड़ देखी गई और दिल्ली कांग्रेस के तमाम नेता भी एकजुट दिखे | देवेन्द्र यादव पूर्व में भी दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शीला दीक्षित के साथ रहे हैं | इसके अलावा वे राजस्थान का प्रभार भी संभाल चुके है और वर्तमान में पंजाब के प्रभारी भी है |
लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली के सभी सीटों के लिए तमाम तरह की कमेटियां बनाने और समन्वय स्थापित करना और सभी नेताओं को एकजुट रखना किसी नये व्यक्ति के लिए साधारण काम नहीं था लेकिन देवेन्द्र नें अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए ये सभी काम ऐसे निपटा लिया कि उन्होंने सभी धुरन्धरो को भी पीछे छोड़ दिया | जे.पी . अग्रवाल,अनिल चौधरी ,सुभाष चोपड़ा ,संदीप दीक्षित हों या रमेश कुमार डॉ.नरेंद्र नाथ , अनिल भारद्वाज हों या भीष्म शर्मा,हसन अहमद सहित अन्य पूर्व विधायक और कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता इनके कंधे से कंधा मिला खड़े दिख रहे हैं | कुल मिलाकर देवेन्द्र यादव नें फ़िलहाल तो मोर्चा संभाल ही लिया है | आज बस इतना ही …