Delhi बीजेपी अध्यक्ष का AAP पर हमला, कहा- ‘गोपाल राय का खत आपराधिक संवेदनहीनता का सबूत’
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि वायु प्रदूषण जैसे गंभीर मसले पर अरविंद केजरीवाल सरकार का लचर रवैया, आपराधिक लापरवाही का बड़ा प्रमाण है.
दिल्ली में सर्दियों के आहट के बीच वायु प्रदूषण (Delhi Pollution) के खतरे को नियंत्रित करने में केंद्र और पड़ोसी राज्यों का सहयोग पाने के लिए केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal) में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने एक चिट्ठी लिखी है. गोपाल राय ये चिट्ठी केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को लिखी है. अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली (Delhi) में सिर्फ 31 प्रतिशत प्रदूषण स्थानीय कारकों की वजह होता है. शेष 69 प्रतिशत वायु प्रदूषण हरियाणा, यूपी, पंजाब और राजस्थान की वजह से होता है.
अब दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) ने उनके इस खत पर पलटवार किया है. उन्होंने गोपाल राय के खत को सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार की संवेदनहीनता का प्रमाण करार दिया है. उन्होंने अपने पोस्ट एक्स में लिखा है कि दिल्ली में प्रदूषण का मामला लंबे समय से है. अभी तक दिल्ली सरकार ने इस मसले पर ध्यान नहीं दिया. बैठक लंबे समय से लंबित रहने के बाद दिल्ली सरकार द्वारा आज दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की बैठक बुलाई गई है. वह भी बीजेपी के विरोध के बाद. वायु प्रदूषण जैसे गंभीर मसले पर केजरीवाल सरकार का लचर रवैया आपराधिक लापरवाही का एक और सबूत है.
गोपाल राय के खत में है क्या?
अरविंद केजरीवाल सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को लिखे खत में कहा है कि दिल्ली के अंदर ठंड के मौसम में प्रदूषण की समस्या काफी बढ़ जाती है. सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने इस बार 15 फोकस बिंदुओं पर आधारित विंटर एक्शन प्लान बनाया है.एक्शन प्लान पर अमल कराया जा रहा है. दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से वायु प्रदूषण के स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की गई है. पिछले 8 सालों में प्रदूषण के स्तर में 30 प्रतिशत की कमी आई है.
पड़ोसी राज्यों का सहयोग जरूरी
उन्होंने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि जब तक एनसीआर के पड़ोसी राज्यों में प्रदूषण के कारकों पर रोक नहीं लगेगी, तब तक दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए ये सारे कदम प्रभावशाली नहीं हो पाएंगे. गोपाल राय ने सेंटर फॉर साइंस एनवायरनमेंट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा है कि दिल्ली के प्रदूषण में 31 प्रतिशत स्थानीय स्रोतों का योगदान है जबकि 69 प्रतिशत एनसीआर के राज्यों के स्रोतों की भागीदारी है.