चार साल की बालिका के साथ हैवानियत, मासूम की मां ने कहा- दुष्कर्मी को दी जाए फांसी

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चार साल की मासूम बालिका के साथ हैवानियत करने वाले ने सच उगला है। घर से महज 100 मीटर दूर गन्ने के खेत में उसने बालिका के साथ हैवानियत की। इसके बाद वह उसे उठाकर करीब एक किमी दूर ले गया। यहां उसकी हत्या करने के लिए गला दबा दिया। इससे बालिका बेहोश हो गई। वह उसे मरा हुआ समझकर भाग आया। मंगलवार को आरोपित को साथ लेकर पुलिस ने घटनास्थल का नक्शा तैयार किया है। मासूम के साथ हुई हैवानियत से आहत मां ने आरोपित को फांसी की सजा देने की मांग की है। मां ने कहा कि फांसी की सजा से कम कुछ भी मंजूर नहीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संभागायुक्त और पुलिस महानिरीक्षक को आरोपित पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने आरोपित पर हत्या के प्रयास की धारा 307, 376-ए बी, 363, यौन अपराधों से संरक्षण अधिनियम (पाक्सो एक्ट) में प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया। पुलिस आरोपित ढाबे के कर्मचारी राजकुमार को घटनास्थल पर लेकर पहुंची। पुलिस ने राजकुमार के चेहरे पर काला नकाब पहना रखा था। राजपूत ढाबे के पीछे स्थित बालिका के घर पर उसे ले जाया गया। इस दौरान नगर पुलिस अधीक्षक पूनमचंद्र यादव, कोतवाली टीआइ बीएल अटोदे, रामनगर चौकी प्रभारी सुभाष नावड़े, महिल थाना प्रभारी सुलोचना गेहलोत, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट और साक्ष्य संकलन करने वाली टीम साथ रही। बालिका के घर से गन्ने के खेत की दूरी नापी गई। गन्ने के खेत में आरोपित ने बालिका के साथ दुष्कर्म किया था। खून लगी मिट्टी बतौर साक्ष्य ली गई। इस जगह के बारे में आरोपित ने पुलिस को बताया था। इसके बाद यहां से आरोपित पुलिसकर्मियों को लेकर खेत के बीच में पहुंचा। यहां उसने बताया कि यहां वह बालिका को लेकर आया था। इसके बाद यहां से उसे उठाकर करीब एक किमी दूर जाम के बगीचे के पास झाड़ियों में लेकर गया। यहां उसने बालिका का गला दबा दिया। उसे लगा कि वह मर चुकी है तो वह उसे वहीं छोड़कर भाग गया था।

घटना को लेकर पूरे गांव में आक्रोश

मासूम के साथ हुई हैवानियत से मां का कलेजा फट-सा गया है। अपनी बेटी की सलामती के लिए प्रार्थना करती मां ने न्याय की गुहार लगाई है। मां ने कहा कि दुष्कर्मी को सरे बाजार फांसी की सजा दी जाए ताकि कोई भी किसी मासूम के साथ इस तरह का कृत्य करने से पहले सौ बार सोचे। मंगलवार को पीड़िता की मां भी इंदौर पहुंची। इधर बालिका की हंसी से जिस घर में खुशी का माहौल था। वहां मायूसी छाई हुई है। बालिका की दादी और स्वजन मायूस होकर घर के सामने उसके वापस आने के इंतजार में बैठे रहे। घर पर चूल्हा तक नहीं जलाया। बालिका दीपावली पर अपने पिता की बुआ के घर आई थी। बुआ की बेटी उसे ग्राम काकोड़ा से लेकर आई थी।उसका कहना है कि घर के अंदर वह, माता-पिता, भाई और बहन सो रहे थे। घर के बाहर काका सो रहे थे। रात में बाहर से ही दरवाजा बंद रहता है। रविवार को रात में राजकुमार उसके पिता के पास आया और सोने के लिए खटिया मांगकर ले गया। घर और ढाबे के बीच में खंबे के पास वह खटिया डालकर सो रहा था। देर रात वह दरवाजा खोलकर घर में आया और बहन को उठाकर ले गया होगा। सुबह चार बजे जब बहन घर पर नहीं मिली तो उन्होंने उसकी तलाश की। खेत मालिक को भी बताया। इसके बाद पुलिस आ गई थी।

ढाबे पर अवैध रूप से परोसी जा रही शराब

आरोपित राजकुमार राजपूत ढाबे का कर्मचारी है। बताया जाता है कि इस ढाबे पर देर रात तक अवैध रूप से शराब परोसी जाती है। इस बात की पुष्टि ढाबे के आसपास बड़ी संख्या में पड़ी हुई बोतलों को देखकर हुई। पुलिस जब आरोपित को लेकर गन्ने के खेत में पहुंची तो इस बीच रास्ते में शराब की बोतलें पड़ी हुई थी। ढाबे से गन्ने के खेत में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर शराब की बोतलें और खाने के सामान के पाउच पड़े हुए थे। इस तरह से यहां दिन ढलते ही शराब की महफिल लग रही है। इस जानकारी के बाद ढाबा संचालक पर भी कार्रवाई करने की बात सामने आई है। फिलहाल पुलिस द्वारा राजकुमार को नौकरी पर रखने के बाद उसके बारे में थाने में सूचित नहीं करने पर कार्रवाई की जा रही है। धारा 188 में ढाबा संचालक पर प्रकरण दर्ज किया जाएगा। इसे लेकर पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने कोतवाली थाना प्रभारी को निर्देश दिए हैं।

जसवाड़ी से शराब पीकर आया था

आरोपित राजकुमार शराब पीने का आदी है। रविवार को उसने शराब पीने के लिए ढाबे से छुट्टी ली थी। पूछताछ में उसने बताया कि उसने दोपहर में जसवाड़ी में शराब पी। इसके बाद दोबारा शाम को भी शराब पीने गया था। यहां से शराब पीकर वह रात में करीब आठ बजे वापस आया। पूछताछ के बाद राजकुमार को जिला न्यायालय में पेश किया गया। पुलिस ने उसे दो दिन की रिमांड पर लिया है। इधर पुलिस ने राजकुमार का अपराधिक रिकार्ड भी खंगाला है। उस पर खालवा थाने में आगजनी का प्रकरण दर्ज है।

15 दिन में चालान पेश करने की तैयारी

पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे जघन्य और सनसनीखेज मामलों में चिन्हित किया गया है। मुख्य रूप से घटना से जुड़े सभी तरह के साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। मेडिकल जांच रिपोर्ट सहित अन्य साक्ष्य का संकलन कर चालान डायरी तैयार करवाई जा रही है। करीब 15 दिन में कोर्ट में चालान पेश करने का प्रयास है। इसके बाद कोर्ट से अपील की जाएगी की मामले में त्वरित सुनवाई की जाए। मामले की सुनवाई होकर छह माह के भीतर ही बालिका को न्याय मिले इसका प्रयास किया जा रहा है।

धारा 376-ए बी मृत्यु दंड तक की सजा का प्रविधान

कानून विशेषज्ञ जिला अभियोजन अधिकारी चंद्रशेखर हुक्मलवार ने बताया कि कानून में संशोधनों के बाद 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ दुष्कर्म करने पर आरोपित को मृत्युदंड देना संभव हो गया है। इस संशोधनों के पहले तक आइपीसी की धारा 376-ए के तहत दुष्कर्म के बाद हत्या करने पर ही मौत की सजा संभव थी लेकिन अब संशोधनों के बाद इसमें नई धारा 376-ए बी जोड़ी गई है। इसमें 12 साल से कम उम्र की मासूम के साथ दुष्कर्म करने पर फांसी का प्रविधान है। इस संशोधन के बाद जिले में चार साल की मासूम के साथ दुष्कर्म का पहला मामला है।

मुख्यमंत्री ने ली बालिका के स्वास्थ्य की जानकारी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को एयरपोर्ट इंदौर में संभागायुक्त डा. पवन कुमार शर्मा और पुलिस महानिरीक्षक राकेश कुमार गुप्ता से खंडवा की बालिका के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में जानकारी ली। उन्होंने दोषी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने संभागायुक्त से कहा कि बालिका के इलाज में कहीं भी कोई कमी नहीं रखना। संभागायुक्त और पुलिस महानिरीक्षकने बांबे अस्पताल पहुंच कर बालिका के इलाज की जानकारी ली। उन्होंने स्वजन को आश्वस्त किया कि यहां बेहतर इलाज कराया जाएगा। साथ ही आरोपित के खिलाफ कड़ी क़ानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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