कांग्रेस को मिला नया दफ्तर, पुराने के खाली करने पर सस्पेंस, क्या बीजेपी के नक्शे कदम पर पार्टी?

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कांग्रेस को मिला नया दफ्तर, पुराने के खाली करने पर सस्पेंस, क्या बीजेपी के नक्शे कदम पर पार्टी?

Congress New Headquarter: कांग्रेस पार्टी का मुख्यालय 24 अकबर रोड से बदलकर अब 9 A कोटला रोड हो गया है. कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार (15 जनवरी 2025) को पार्टी के नए मुख्यालय इंदिरा भवन का उद्घाटन किया. सोनिया गांधी ने फीता काटकर नए भवन का उद्घाटन किया. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी मौजूद थे.

नये मुख्यालय के उद्घाटन में राहुल-सोनिया भी थे मौजूद

पार्टी के उद्घाटन कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे. इस अवसर पर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव प्रियंका गांधी, कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य, स्थायी और विशेष आमंत्रित सदस्य, कांग्रेस संसदीय दल के पदाधिकारी, पार्टी के कई पदाधिकारी, केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख, विभिन्न राज्यों के पार्टी के विधायक दल के नेता, सांसद, कई राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री सहित वरिष्ठ नेता उपस्थित थे.

पुराना बंगला खाली नहीं करेगी कांग्रेस

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक नये भवन में जाने के बाद भी कांग्रेस पुराना बंगला खाली नहीं करेगी. रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दिनों में अकबर रोड परिसर में भी बैठकें हो सकती है.

शहरी कार्य मंत्रालय के भूमि एवं विकास कार्यालय (एलएंडडीओ) की नीति के अनुसार सरकार ने दिल्ली में कार्यालय निर्माण के लिए मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया है. नीति में चुनाव आयोग की ओर से मान्यता प्राप्त सभी राष्ट्रीय दलों के साथ-साथ राज्य स्तरीय दलों को भी भूमि आवंटन का प्रावधान है, जिनके संसद के दोनों सदनों में कम से कम सात सांसद हों.

नियम के अनुसार खाली करना होगा पुराना बंगला

नीति में कहा गया, “यदि राजनीतिक दलों ने अपने कार्यालय के लिए विट्ठलभाई पटेल हाउस में सरकारी बंगले पर कब्जा कर रखा है, तो उन्हें आवंटित जमीन पर ऑफिस निर्माण होने पर तुरंत या भूखंड पर कब्जा लेने की तारीख से तीन साल के भीतर उसे खाली कर देना चाहिए. पार्टी को भूमि के लिए प्रीमियम और वार्षिक भूमि किराया देना होगा, जो पट्टे पर दिया जाएगा और फ्रीहोल्ड संपत्ति में परिवर्तन के लिए पात्र नहीं होगा.” दस्तावेजों के मुताबिक, अगर ग्राहक ग्राउंड रेंट या सरकार द्वारा तय कोई भी राशि जमा नहीं करता तो आवंटन रद्द हो सकता है.

बीजेपी के मामले में क्या हुआ?

बीजेपी को 1985 में पार्टी के लिए 11, अशोका रोड पर टाइप-VIII बंगला आवंटित किया गया था, जो सबसे बड़ी सरकारी आवासीय सुविधा वाला टॉप कैटेगरी का बंगला है. पार्टी 2014 तक उसी कार्यालय में काम करती रही. 20 अगस्त, 2017 को बंगले का आवंटन रद्द कर दिया गया, क्योंकि तब तक पार्टी को अपने नए कार्यालय के निर्माण के लिए भूमि आवंटित की जा चुकी थी. हालांकि पार्टी मुख्यालय नये स्थान पर ट्रांसफर हो गया, फिर भी पार्टी के कुछ काम अशोका रोड परिसर से ही संचालित होते रहे हैं.

कांग्रेस के मामले में क्या होगा?

कांग्रेस ने 2009 में इंदिरा भवन नाम से अपने नए मुख्यालय का निर्माण शुरू किया था, जो दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर है. कांग्रेस के पते पर बीजेपी विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम न आए, इससे बचने के लिए कांग्रेस ने अपना मुख्यालय कोटला मार्ग पर एंट्री गेट के साथ बनाने का फैसला किया.

बीजेपी-कांग्रेस को देना होगा मुआवजा

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी सूत्रों ने बताया कि बीजेपी या कांग्रेस उनके पुराने बंगलों पर लगातार कब्जा करना नीति का उल्लंघन है. उन्होंने कहा, “इस पर फैसला टॉप लेवल पर ही लिया जाएगा. जब भी पार्टियां बंगले को खाली करेगी तो उन्हें अवैध कब्जे के लिए मुआवजा देना होगा.”

2022 में तत्कालीन केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने कहा था कि अगर किसी राजनीतिक दल को जमीन भी आवंटित की गई है तो उसे आवंटित बंगले खाली करने होंगे. उन्होंने कहा था कि यह सभी राजनीतिक दलों पर लागू होगा.

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