BSF Firing Incident: मुर्शिदाबाद में BSF जवान ने ड्यूटी के दौरान सहकर्मी को मारी 13 गोलियां, इलाज के दौरान मौत
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अनुशासन और अंदरूनी तनाव पर सवाल उठाती एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। शनिवार रात लगभग 10:30 बजे ड्यूटी पर तैनात दो BSF जवानों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि एक जवान ने अपने ही सहकर्मी पर INSAS राइफल से ताबड़तोड़ 13 राउंड गोलियां चला दीं। इस हमले में घायल जवान की इलाज के दौरान मौत हो गई।
घटना बीएसएफ की 19वीं बटालियन की है, जिसमें आरोपी जवान की पहचान एसके मिश्रा के रूप में हुई है, जो राजस्थान के रहने वाले हैं। वहीं, मृतक जवान रतन लाल सिंह (उम्र 38 वर्ष) थे। दोनों की तैनाती मुर्शिदाबाद जिले के धूलियन नगर पालिका क्षेत्र में एक पोस्ट पर थी, जो संवेदनशील मानी जाती है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, ड्यूटी के दौरान दोनों जवानों में किसी बात को लेकर तीखी बहस हुई। बात इतनी बिगड़ गई कि एसके मिश्रा ने आपा खोते हुए अपनी सेवा राइफल से सीधे फायरिंग शुरू कर दी।
13 राउंड फायरिंग में रतन लाल सिंह को पांच गोलियां लगीं। गंभीर हालत में उन्हें पहले अनूपनगर अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर उन्हें जंगीपुर उप-मंडलीय अस्पताल रेफर किया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इस घटना ने न सिर्फ बीएसएफ की आंतरिक कार्यप्रणाली और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं, बल्कि सुरक्षा बलों के बीच तनावपूर्ण वातावरण और भावनात्मक नियंत्रण की कमी की ओर भी इशारा किया है। सीमा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं सुरक्षा और अनुशासन की दृष्टि से चिंताजनक हैं।
पुलिस ने घटना के तुरंत बाद आरोपी एसके मिश्रा को हिरासत में ले लिया है। उनकी राइफल को जब्त कर लिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। शमशेरगंज थाने में मामला दर्ज किया गया है और वरिष्ठ अधिकारी पूरे घटनाक्रम की समीक्षा कर रहे हैं।
बीएसएफ अधिकारियों की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार घटना के पीछे तनाव, ड्यूटी प्रेशर या व्यक्तिगत मनमुटाव हो सकता है। मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
यह पहली बार नहीं है जब सुरक्षाबलों में आपसी विवाद की वजह से इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। इससे पहले भी देश के विभिन्न हिस्सों में इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें मानसिक तनाव को एक बड़ी वजह माना गया है। यह हादसा सुरक्षा बलों में मानसिक स्वास्थ्य सहायता और व्यवहारिक नियंत्रण को प्राथमिकता देने की आवश्यकता को दर्शाता है।