यूजर चार्ज के नाम पर दोनों पार्टियां कर रही हैं सियासत : सुमित शर्मा
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : राजधानी दिल्ली के निवासियों को अब कूड़ा उठाने के लिए भी टैक्स देना पड़ेगा इस मुद्दे पर दोनों पार्टियाँ भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी सियासत कर दिल्ली किज्नता को गुमराह कर रही हैं | यह कहना है लक्ष्मी नगर विधानसभा से कांग्रेस से चुनाव लड़े सुमित शर्मा का | सुमित शर्मा कहते हैं भाजपा जहां कह रही है यह निर्णय आप पार्टी के समय में लिया गया है वहीं आप पार्टी इसे निगमायुक्त द्वारा लिया गया निर्णय बता रही है | सुमित शर्मा कहते हैं अनेक क्षेत्र ऐसे हैं जहां नगर निगम की कूड़ा उठाने वाली गाड़ियाँ अक्सर पहुंचती ही नहीं और आज भी दिल्ली के अनेक क्षेत्र ऐसे है जहां कूड़े के अम्बार लगे रहते हैं |
बिना सदन की मंजूरी नगर निगम इतना बड़ा निर्णय ले लेती है हैरानी की बात है | निगम अधिकारीयों नें केंद्र सरकार के निर्देश पर यह निर्णय ले सीधे-सीधे दिल्ली की जनता को धोखा दिया है और भाजपा तथा आम आदमी पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी | सुमित शर्मा कहते हैं चुनाव से पहले भाजपा का चेहरा कुछ होता है और चुनाव के बाद भाजपा अपना रंग बदल लेती है | वे कहते हैं इतिहास इस बात का गवाह है जब भी भाजपा दिल्ली की सत्ता में आती है तभी जनविरोधी फैंसले लिए जाते है जिनके चलते दिल्ली की जनता अगले चुनाव में उनका बिस्तर गोल कर देती है | दिल्लीवासियों को अब कूड़ा उठाने वाले दिल्ली नगर निगम प्रशासन को यूजर चार्ज देना होगा। रिहायशी, व्यावसायिक संपत्तियों के लिए यह नियम एक अप्रैल से ही लागू कर दिया गया है।
ऑनलाइन संपत्ति कर जमा कराते समय लोगों को यूजर चार्ज देना होगा। 50 वर्ग मीटर के आवासीय मकानों से 50 रुपये इसमें 50 वर्ग मीटर के आवासीय मकानों से 50 रुपये, 50 वर्ग से 200 मीटर के मकानों से 100 रुपये, 200 वर्ग मीटर से अधिक के मकानों से 200 रुपये प्रति महीने यूजर चार्ज वसूला जाएगा। वहीं, अतिरिक्त व्यावसायिक प्रतिष्ठानों जैसे शॉप, ढाबा, कॉफी हाउस से 500 रुपये प्रति महीना लिया जाएगा। धर्मशाला, होस्टल, 50 लोगों की क्षमता वाले रेस्तरां, शादी और पार्टी हॉल बैंक व बीमा कार्यालय, उत्सव हॉल, पार्टी लॉन, प्रदर्शनी व मेले लगाने वाले स्थानों से दो हजार रुपये प्रतिमाह यूजर चार्ज वसूला जाएगा। सुमित शर्मा कहते है इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों को अपनी नूर कुश्ती बंद कर जनहित में इस निर्णय को रुकवाना चाहिए |