सत्ता में रहकर भी हल्ला मचाने की आदत सी हो गई है आतिशी को : दीपक गाबा

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दीपक गाबा
सत्ता में रहकर भी हल्ला मचाने की आदत सी हो गई है आतिशी को : दीपक गाबा

सत्ता में रहकर भी हल्ला मचाने की आदत सी हो गई है आतिशी को : दीपक गाबा
– हर्ष भारद्वाज –

नई दिल्ली , दिल्ली सरकार में लम्बे समय तक मंत्री और मुख्यमंत्री जैसे गरिमापूर्ण पद पर रही पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को हल्ला मचाने की आदत हो गई है | तीन दिन पहले तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री रही आतिशी को तनिक भी सब्र नहीं है उन्हें किस वक्त क्या बोलना चाहिए | यह कहना है भारतीय जनता पार्टी शाहदरा जिला के अध्यक्ष दीपक गाबा का | दीपक गाबा नें कहा कार्यवाहक मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने दिल्ली में बिजली संकट का हवाला देते हुए अनाप शनाप बयान दिए वे इतना भी भूल गई उनकी पार्टी जरुर चुनाव हारी है लेकिन उस समय वे ही दिल्ली सरकार की मुखिया थी जिस समय बिजली किल्लत का रोना रो रही थी | दीपक गाबा नें कहा भाजपा सरकार को शपथ लिए 24 घंटे ही बीते थे आतिशी नें विलाप करना शुरू कर दिया दिल्ली की महिलाओं को सम्मान राशि कब दी जायेगी |

दीपक गाबा नें कहा भाजपा नें जब गारंटी दी है तो आतिशी तथा उनके पार्टी के नेताओं को कुछ सब्र तो कर लेना चाहिए | दीपक गाबा कहते हैं आतिशी नें आज तक पंजाब सरकार या अपनी पार्टी के मुखिया से तो सवाल किया नहीं कि सरकार का आधा कार्यकाल खत्म होने जा रहा है वहां काफी समय पहले की गई उस घोषणा का क्या हुआ जो उनकी पार्टी नें की थी कि पंजाब में महिलाओं को सहायता राशि दी जायेगी | दीपक गाबा कहते हैं दस साल सरकार में रहने के बावजूद आम आदमी पार्टी नें अपनी दिल्ली की जनता से किये आधे से ज्यादा वादे पूरे नहीं किये जिसकी सजा उनकी पार्टी नें ताजा-ताजा भुगती है और आतिशी भाजपा से दस दिन में वादे पूरे करने की बातें करती है जो कि उचित नहीं है | दीपक गाबा कहते हैं दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता नें शपथ लेते ही कहा है उनकी सरकार एक-एक वादे पर काम करेगी और उन्हें पूरा करेगी | एक दिन भी सरकार अपना समय बर्बाद नहीं करेगी और समय रहते सभी योजनाओं पर काम शुरू कर जायेगा | दीपक गाबा नें कहा यह बात ठीक है एक आदर्श विपक्ष को सरकार से तमाम सवाल करने चाहिए लेकिन इस तरह की बातें समय आने पर ही अच्छी लगती है | ऐसे में आतिशी ना केवल अपनी छवि खराब कर रही है बल्कि अपनी पार्टी की भी छवि धूमिल कर रही है | उनके पास विपक्ष में रहने का लम्बा समय है और प्लेटफार्म भी है | आतिशी को अपने पद की गरीमा का ध्यान रखते हुए बयान देने चाहिए |

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