Air India Crash: एअर इंडिया हादसा: ब्लैक बॉक्स बरामद, जांच शुरू, तीन महीने में रिपोर्ट सौंपेगी हाई लेवल समिति
नई दिल्ली: देश को झकझोर देने वाले एअर इंडिया के ड्रीमलाइनर विमान हादसे के बाद अब सरकार ने जांच की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। शनिवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने प्रेस कांफ्रेंस में पुष्टि की कि दुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है और उसकी डिकोडिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस ब्लैक बॉक्स में डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) दोनों शामिल हैं, जिनके जरिए विमान हादसे की असली वजहों का खुलासा किया जाएगा।
ब्लैक बॉक्स को फिलहाल दिल्ली लाया गया है, जहां उड़ान भवन स्थित अत्याधुनिक ‘ब्लैक बॉक्स लैब’ में उसकी गहराई से जांच की जा रही है। यह लैब अप्रैल 2025 में 9 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की गई थी और यह पहली बार किसी बड़ी विमान दुर्घटना की जांच में इस्तेमाल हो रही है। यह प्रयोगशाला ब्लैक बॉक्स की मरम्मत, डेटा रिट्रीवल और फोरेंसिक जांच की क्षमताओं से लैस है।
हादसे के तुरंत बाद भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। AAIB की पांच सदस्यीय ‘गो-टीम’ को उसी दिन घटनास्थल पर भेजा गया था। अगले ही दिन जांच को गति देने के लिए एक फॉरेंसिक और एक मेडिकल विशेषज्ञ को टीम में शामिल किया गया। हादसे की गंभीरता को देखते हुए विशेषज्ञों की संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है।
इस पूरे हादसे की जांच के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है, जिसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, गृह मंत्रालय, गुजरात सरकार, पुलिस, वायु सेना, BCAS, DGCA, IB और फोरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। यह समिति अपनी संयुक्त जांच रिपोर्ट तीन महीने में सौंपेगी और इसकी पहली बैठक सोमवार को होने जा रही है।
हादसे की तफ्तीश से जुड़े अहम विवरण साझा करते हुए नागरिक उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा ने बताया कि 12 जून 2025 को दोपहर करीब 2 बजे अहमदाबाद से लंदन जा रहा विमान AI C171 टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही लगभग 650 फीट की ऊंचाई से गिरने लगा और एक मिनट के भीतर मेघानीनगर के मेडिकल हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर थे। टेकऑफ से कुछ ही पल बाद पायलट ने MAYDAY कॉल जारी किया लेकिन एटीसी को कोई जवाब नहीं मिला और विमान क्रैश हो गया।
घटना के बाद आपातकालीन प्रोटोकॉल तुरंत सक्रिय किए गए। रनवे को दोपहर 2:30 बजे बंद कर दिया गया और शाम 5:00 बजे तक हवाई अड्डे का संचालन बहाल कर दिया गया। शाम छह बजे तक घटनास्थल पर लगी आग को पूरी तरह बुझा दिया गया। गुजरात सरकार, पुलिस, अग्निशमन और मेडिकल टीमों ने राहत कार्य तेजी से अंजाम दिए।
ब्लैक बॉक्स से मिल रही शुरुआती जानकारी के अनुसार, हादसे के समय पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर कैप्टन क्लाइव सुंदर ने सभी मानक प्रक्रिया अपनाई थी। विमान ने इससे पहले पेरिस से दिल्ली और फिर दिल्ली से अहमदाबाद की उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की थी। हादसे के समय विमान महज एयरपोर्ट से दो किलोमीटर दूर था।
केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने स्पष्ट किया कि भारत में विमानन सुरक्षा मानकों का स्तर बहुत ऊंचा है, जिसे ICAO जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी सराहा है। उन्होंने बताया कि DGCA ने सभी ड्रीमलाइनर विमानों की अतिरिक्त जांच के आदेश दिए हैं, और अब तक 34 विमानों में से 8 की तत्काल जांच की जा चुकी है।
हादसे में मारे गए यात्रियों की शिनाख्त और शवों को परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इसके लिए डीएनए परीक्षण किए जा रहे हैं, ताकि किसी भी तरह की पहचान में चूक न हो। मंत्री ने कहा कि शवों को जल्द से जल्द परिजनों को सौंप दिया जाएगा, लेकिन कानूनन प्रक्रियाओं का पालन जरूरी है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उड्डयन मंत्री भावुक हो उठे और पीड़ित परिवारों के दर्द को साझा करते हुए कहा, “मैंने भी अपने पिता को सड़क हादसे में खोया है, इसलिए मैं इस दुख को समझ सकता हूं।” उन्होंने कहा कि हादसे की खबर सुनते ही पूरा मंत्रालय स्तब्ध रह गया था और हरसंभव प्रयास किया गया कि राहत कार्य में कोई देरी न हो।
उल्लेखनीय है कि AI C171 फ्लाइट अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई थी, लेकिन टेकऑफ के चंद पलों में ही उसने MAYDAY कॉल दी और मेडिकल हॉस्टल परिसर में गिर गई। हादसे की वजह क्या थी — तकनीकी खामी, मानव त्रुटि या किसी बाहरी तत्व का असर — इसका जवाब अब ब्लैक बॉक्स और समिति की जांच रिपोर्ट से सामने आएगा।