Ahmedabad: अहमदाबाद में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई, चंदोला झील के पास ध्वस्तीकरण अभियान शुरू

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Ahmedabad: अहमदाबाद में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई, चंदोला झील के पास ध्वस्तीकरण अभियान शुरू

गुजरात के अहमदाबाद शहर में मंगलवार को अवैध निर्माण और घुसपैठियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने चंदोला झील के पास अवैध रूप से बसे बांग्लादेशी नागरिकों को हटाने के लिए एक सघन अभियान की शुरुआत की। यह कार्रवाई व्यापक सर्वेक्षण और खुफिया सूचनाओं के आधार पर की गई, जिसमें स्पष्ट हुआ कि इलाके में बड़े पैमाने पर अवैध बस्तियों का निर्माण हुआ है और इन बस्तियों में रहने वालों की पहचान अवैध प्रवासियों के रूप में हुई है।

नगर निगम द्वारा की गई इस कार्रवाई का केंद्र बिंदु रहा ‘सियासतनगर बंगाल वास’, जो लंबे समय से अवैध प्रवासियों की बस्ती के रूप में विकसित हो चुका था। स्थानीय पुलिस और प्रशासन की रिपोर्टों के अनुसार, इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक बिना वैध दस्तावेजों के वर्षों से रह रहे थे। कई बार इस इलाके को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने भी चिंताएं जताई थीं, क्योंकि यहां अवैध गतिविधियों की संभावना बनी रहती थी।

नगर निगम ने जब इस पूरे इलाके का सर्वेक्षण कराया, तो सामने आया कि यह अवैध निर्माण न केवल नगरीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा था, बल्कि जनसुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए भी खतरा बना हुआ था। इसके बाद, मंगलवार की सुबह एक व्यापक विध्वंस अभियान शुरू किया गया। इस ऑपरेशन में नगर निगम ने 50 जेसीबी मशीनों को तैनात किया, वहीं इलाके में कानून व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी संभावित विरोध या हंगामे से निपटने के लिए 2000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूरे गुजरात में अवैध घुसपैठियों के खिलाफ एक समन्वित अभियान चलाया जा रहा है। अहमदाबाद की कार्रवाई से पहले वडोदरा पुलिस ने 500 से अधिक संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है, जबकि उमरगाम से सात बांग्लादेशी पकड़े गए हैं। ये सभी बिना वैध वीजा या पासपोर्ट के भारत में रह रहे थे।

इस बीच अहमदाबाद पुलिस ने एक स्थानीय व्यक्ति, लालू बिहारी, के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की है। उस पर आरोप है कि वह अवैध प्रवासियों के लिए फर्जी आधार कार्ड, राशन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज तैयार करवाने में शामिल था। पुलिस का कहना है कि ऐसी फर्जी दस्तावेजों के सहारे ये लोग न केवल कानून को ठेंगा दिखा रहे थे, बल्कि सरकारी योजनाओं का भी गलत लाभ उठा रहे थे।

सियासतनगर की यह बस्ती वर्षों से नगर निगम और प्रशासन की नजर में थी, लेकिन हाल ही में हुए सर्वे और केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद कार्रवाई को अमलीजामा पहनाया गया। अधिकारियों के अनुसार, आने वाले दिनों में इस तरह की कार्रवाई गुजरात के अन्य शहरों में भी की जाएगी, जहां अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान की जा रही है।

सरकार और प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत में अवैध रूप से बसे किसी भी विदेशी नागरिक को बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही यह भी आश्वासन दिया गया है कि जो लोग वैध रूप से भारत में निवास कर रहे हैं, उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

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