Maharashtra News: न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले की जांच मामले में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने हितेश मेहता नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है. हितेश मेहता बैंक के जनरल मैनेजर हैं. हाल ही में आरबीआई ने बैंक में भारी अनियमितता के कारण कई प्रकार का प्रतिबंध लगाया दिया है. इसके बाद से बैंक के ग्राहक बेहद परेशान हैं.
जनरल मैनेजर पर 122 करोड़ रुपये के गबन के आरोप हैं. बैंक के जनरल मैनेजर हितेश मेहता को आर्थिक अपराध शाखा ने समन भेजा था. उनसे बुक्स ऑफ अकाउंट की डिटेल मांगी गई थी. इसकी फ़रेंसिक ऑडिटिंग की जाएगी. बैंक पर प्रतिबंध लगाने से खाता धारकों को समस्या आ रही है. हालांकि कोशिश की जा रही है कि बैंक को रिवाइव किया जाए ताकि इसके 1.3 लाख खाता धारकों को राहत मिल सके.
5 साल के अंदर निकाल लिए करोड़ों
यह धोखाधड़ी 2020 से 2025 के बीच की गई है. बैंक के एक अधिकारी की तरफ से ही आर्थिक अपराध शाखा को शिकायत मिली थी. उन्होंने नोटिस किया है कि बुक्स ऑफ अकाउंट और कैश टैली नहीं हो रही है. 122 करोड़ की हेराफेरी दिख रही है. उन्होंने पाया कि अवैध निकासी हुई है. हितेश पर निकासी के आरोप लगे हैं.
इन दो इलाके के ब्रांच में हुई थी हेराफेरी
आरोपी हितेश पर पहले दादर और गोरगांव शाखा की जिम्मेदारी थी. जब वह वहां नियुक्त थे तभी पैसों की हेराफेरी हुई थी. दोनों ही खातों से गबन हुआ था. इसलिए पूछताछ के लिए हितेश को बुलाया गया था. उधर, मुख्य अकाउंटेंट की शिकायत पर दादर थाने में एफआईआर दर्ज की गई. बीएनसी की धारा 316 (5) और 61 (2) के तहत एफआईआऱ दर्ज की गई है.
RBI के फैसले से बढ़ी ग्राहकों की मुसीबत
13 फरवरी को आरबीआई ने बैंक के कारोबार पर बैन लगा दिया था. इसके तहत बैंक ग्राहकों को ना तो कोई लोन दे सकता है और ना ही डिपॉजिट ले सकता है. इस फैसले से जमाकर्ताओं की मुसीबत बढ़ गई. क्योंकि वे अपने पैसे नहीं निकाल सकते.