प्रदूषण बन रहा है दर्जनों बीमारियों की वजह : नीलम चौधरी

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नीलम चौधरी
प्रदूषण बन रहा है दर्जनों बीमारियों की वजह : नीलम चौधरी

प्रदूषण बन रहा है दर्जनों बीमारियों की वजह : नीलम चौधरी

ट्रिपल इंजन सरकार लगातार दिख रही है बेबस

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : राजधानी दिल्ली लगातार प्रदूषण की चपेट में बनी हुई है | दीपावली के बाद से ही दिल्ली जहरीली बनी हुई है जिसे नियंत्रित करने में ट्रिपल इंजन की सरकार एकदम विफल साबित हो रही है | यह कहना है बाबरपुर जिला कांग्रेस की वरिष्ठ नेता समस्त रोहताश नगर आर.डब्लू.ए.की अध्यक्ष नीलम चौधरी का | नीलम चौधरी कहती है जिस तरह से मानसून के दौरान दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार जलभराव को रोकने में नाकाम साबित हुई थी उसी तरह अब इस मौसम में प्रदूष्ण से निपटने में भी सरकार फेल साबित हो रही है |

नीलम चौधरी कहती हैं लगातार बैठकों का दौर चल रहा है रोजाना बयानबाजी भी हो रही है दावे किये जा रहे जल्दी ही हालात सामान्य हो जायेगें लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा | नीलम चौधरी कहती हैं प्रदूष्ण की मार वैसे तो सभी पर पड़ रही है लेकिन बुजुर्ग और बच्चे काफी प्रभावित हो रहे हैं | अस्पतालों में प्रदूष्ण से पीड़ित लोगो की भीड़ लगातार बढ़ रही है | नीलम चौधरी कहती हैं पॉल्यूशन का हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है |

डब्लू.एच.ओं. की वेबसाइट के अनुसार, एयर पॉल्यूशन एक लोकल, रीजनल और ग्लोबल प्रॉब्लम है जो गैस, केमिकल और छोटे पार्टिकल्स जैसे पॉल्यूटेंट्स के निकलने से होती है. एयर पॉल्यूशन का मतलब है हवा में एक या ज्यादा कंटैमिनेंट्स का होना, जैसे धूल, धुआं, गैस, धुंध, बदबू, धुआं या भाप, इनकी मात्रा इतनी ज्यादा होती है कि अगर कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक इसके संपर्क में रहता है, तो यह उसकी सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकता है. एयर पॉल्यूशन के संपर्क में आने का मुख्य रास्ता सांस की नली से होती है.

इन पॉल्यूटेंट्स के सांस के जरिए शरीर में जाने से सूजन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, इम्यूनोसप्रेशन और पूरे शरीर के सेल्स में म्यूटेजेनिसिटी होती है, जिससे फेफड़े, दिल, दिमाग और दूसरे अंग प्रभावित होते हैं, और आखिर में गंभीर बीमारियां होती है नीलम चौधरी कहती हैं चिकिस्तकों का मानना है शरीर का लगभग हर अंग एयर पॉल्यूशन से प्रभावित हो सकता है. अपने छोटे साइज के कारण, कुछ एयर पॉल्यूटेंट्स फेफड़ों के जरिए ब्लडस्ट्रीम में घुस जाते हैं और पूरे शरीर में फैल जाते हैं, जिससे सिस्टमिक सूजन और कैंसर होने तक की संभावना बढ़ जाती है |

वेबसाइट के अनुसार, एयर पॉल्यूशन से स्ट्रोक, इस्केमिक हार्ट डिजीज, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, लंग कैंसर, निमोनिया और मोतियाबिंद जैसी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. एयर पॉल्यूशन के संपर्क में आने से अस्थमा जैसी सांस की बीमारियां, हार्ट डिजीज, लंग कैंसर और अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है. इससे प्रेग्नेंसी के दौरान दिक्कतें और बर्थ डिफेक्ट्स, एक्जिमा जैसी स्किन प्रॉब्लम्स और डायबिटीज और किडनी की बीमारी जैसी दूसरी प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं. बच्चे, बुज़ुर्ग और गर्भवती महिलाओं को वायु प्रदूष्ण से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा ज्यादा होता है. जेनेटिक्स, कोमोरबिडिटी, न्यूट्रिशन और सोशियोडेमोग्राफिक फैक्टर भी किसी व्यक्ति के एयर पॉल्यूशन के प्रति सेंसिटिविटी पर असर डालते हैं. प्रेग्नेंसी के दौरान एयर पॉल्यूशन के संपर्क में आने से फीटल हेल्थ पर असर पड़ता है |

नीलम चौधरी कहती है गत दिनों उपराज्यपाल तथा मुख्यमंत्री नें बैठक कर दिशा निर्देश तय किये लेकिन धरातल पर सरकार इस बाबत कुछ खास नहीं कर पा रही |

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