Delhi Mobile Factory Bust: दिल्ली में अवैध मोबाइल फैक्ट्री का भंडाफोड़: IMEI बदलने वाला रैकेट पकड़ा गया, पांच गिरफ्तार
दिल्ली के करोल बाग थाना क्षेत्र में ऑपरेशन ‘CyberHawk’ के तहत पुलिस ने एक बड़े और संगठित अवैध मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग और IMEI टैंपरिंग रैकेट का पर्दाफाश किया है। छापेमारी में पांच आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं और मौके से 1,826 मोबाइल फोन, हजारों मोबाइल बॉडी पार्ट्स, एक लैपटॉप, IMEI बदलने वाला सॉफ्टवेयर, IMEI स्कैनर और अन्य उपकरण बरामद किए गए। पुलिस इसे टेलीकॉम सेक्टर में हो रही अवैध गतिविधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई मान रही है।
करोल बाग थाना बीते 15 दिनों से इलाके में मोबाइल से जुड़े अवैध कारोबारों पर निगरानी रख रहा था। इसी दौरान पुलिस को गली नंबर 22, बीदनपुरा स्थित एक बिल्डिंग में चल रही अवैध मोबाइल असेंबलिंग यूनिट के बारे में पुख्ता सूचना मिली। जांच में सामने आया कि आरोपी पुरानी मदरबोर्ड खरीदकर नए बॉडी पार्ट्स के साथ मोबाइल असेंबल करते थे और विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए उनमें नई IMEI डालते थे।
20 नवंबर 2025 को पुलिस ने आदित्य इलेक्ट्रॉनिक्स एंड एक्सेसरीज़ के चौथे फ्लोर पर छापा मारा। वहां पांच लोग मोबाइल असेंबलिंग और IMEI बदलने के कार्य में लगे हुए पाए गए। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अशोक कुमार (फैक्ट्री मालिक), रामनारायण, धर्मेंद्र कुमार, दिपांशु और दीपक के रूप में हुई है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे स्क्रैप डीलर्स से पुरानी मदरबोर्ड खरीदते थे, जबकि नए बॉडी पार्ट्स चीन से मंगाए जाते थे।
दो साल से यह नेटवर्क चुपचाप चल रहा था और तैयार मोबाइल फोन स्थानीय बाजार में बेचे जाते थे। आरोपी ‘WriteIMEI 0.2.2’ सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर फोन में नई IMEI डालते थे, जिससे इनका पता लगाना मुश्किल हो जाता था। अब पुलिस सप्लाई चेन, चीन से पार्ट्स की खरीद, वितरण नेटवर्क और खरीदारों पर भी कार्रवाई के लिए जांच में जुटी है।
इस बड़ी सफलता से दिल्ली पुलिस ने साइबर और टेलीकॉम अपराध नियंत्रण के प्रति अपनी सक्रियता दिखाई है और पुलिस का कहना है कि इस तरह के रैकेट पर भविष्य में भी नजर रखी जाएगी ताकि अवैध कारोबार को खत्म किया जा सके।



