नगर निगम हुई 14 हजार करोड़ की कर्जदार : देवेन्द्र यादव
* होनी चाहिए इसकी व्यापक जांच
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली नगर निगम एकीकरण के बाद 2022-23 में आम आदमी पार्टी के शासनकाल में हुए आडिट में टैक्स वसूल की अनयियितताओं के कारण निगम को 312 करोड़ रुपये के राजस्व के नुकसान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी के भारी भ्रष्टाचार और लूट के चलते जहां दिल्ली नगर निगम 14000 करोड़ रुपये का कर्जदार है, उसमें यूजर चार्ज न वसूलने और विज्ञापन में राजस्व की सही वसूली न होने के कारण करोड़ों का नुकसान निगम को हुआ जिसके लिए तत्कालीन सरकार जिम्मेदार होने के साथ भाजपा की सरकार भी जिम्मेदार है क्योंकि भाजपा के निगम में 15 वर्षों के भ्रष्टाचार के कारण निगम का कर्ज 14000 करोड़ पहुॅचा।
देवेन्द्र यादव ने उपराज्यपाल से माँग कि की वर्ष 2022-2023 में दिल्ली नगर निगम में हुए भ्रष्टाचार की जांच हाई कोर्ट के सेवानिवृत जज से करवाएँ ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। देवेन्द्र यादव ने कहा कि निगम के सात विभागों के 77 आडिट पेराग्राफ जिनमें पर्यावरण प्रबंधन सेवाएं विभाग द्वारा ठोस कचरा प्रबंधन उपनियमों के कार्यान्वन से लेकर आउटडोर विज्ञापन नीति के कम राजस्व प्राप्ति सहित वन टाईम पार्किंग शुल्क की सही वसूली न होने या इसमें भारी भ्रष्टाचार होने के कारण निगम को करोड़ों को नुकसान सहना पड़ा। देवेन्द्र यादव ने कहा कि आडिट में उजागर हुआ है की ठोस कचरा प्रबंधन उपनियमों का पालन न करने से 155.1 करोड़ रुपये, एकमुश्त पार्किंग शुल्क और रिहायशी सम्पनियों से व्यवसायिक में परिवर्तन करने का कन्वर्जन शुल्क न वसूलने से 9 करोड़ रुपये, आउटडोर विज्ञापन नीति में खामियों के कारण 142 करोड़ रुपये, बस क्यू शैल्टर पर विज्ञापन से ट्रांसपोर्ट कम्पनी से 40.42 करोड़ कम मिलने से नुकसान, आईजीआई एयरपोर्ट पर राजस्व साझा करने की नीति के तहत विज्ञापन लगाने पर भी निगम को 81.97 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा।
यहीं नही दिल्ली हर घर का कचरा उठाने पर यूजर चार्च न वसूलने में अनियमितताएं पाई गई। दक्षिणी जोन में यूजर चार्ज न वसूलने से 84.9 करोड़, मध्य जोन में 70.23 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। देवेन्द्र यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी शासन के दौरान भ्रष्टाचार ने जहां दिल्ली सरकार में लगभग सभी विभागों के कार्यों में अनियमितताएं आडिट में पाई गई। वहीं निगम को हजारों करोड़ के कर्ज से उबारने की जगह सैंकड़ों करोड़ का भ्रष्टाचार करके निगम को कर्ज तले दबाने का काम किया है। 3 करोड़ लाईसेंस फीस रिवाईज करने में देरी के कारण, 3.3 करोड़ दिल्ली सरकार से सेनीटेशन सर्विस के रिकवरी न करने के कारण, 2.9 करोड़ सम्पति कर और ब्याज जमा करने के अनुपालन में देरी के कारण, 3 करोड़ बिना अनुबंध कंक्रीट डिलीवरी के एवज में ठेकेदार को भुगतान के, 1.6 करोड़ रुपये बिना गुणवता आश्वसान के ठेकेदारों को भुगतान से नुकसान हुआ है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे दिल्ली नगर निगम के पास पर्याप्त संसाधन होने के बावजूद सुविधाओं में सुधार होना मुश्किल हो रहा है। भाजपा और आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार के कारण दिल्ली नगर निगम खोखला हो गया है क्योंकि वितिय संकट केवल सफाई व्यवस्था तक सीमित नही है, निगम के पास कर्मचारियों को वेतन देने का संकट भी गहरा गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10-15 वर्षों से निगम का आर्थिक संकट बढ़ता ही जा रहा है और सेवानिवृत कर्मचारियों की 3500 करोड़ से अधिक की देनदारी अभी बकाया है। उन्होंने कहा कि जीवन भर काम करने के बाद निगम कर्मचारियों को अपना पैसा न मिलने में भाजपा और आप पार्टी का भ्रष्टाचार जिम्मेदार है।



