जनता का बड़ा नाम जितेन्द्र शंटी भाजपा छोड़ आप में शामिल
* शाहदरा से चुनाव लड़ना तय
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,जनता का बड़ा नाम हमने इसलिए लिखा कोरोना काल में जिस वक्त लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे थे उस दौर में जितेन्द्र सिंह शंटी ना केवल
घर से निकल रहे थे बल्कि सही कहा जाए तो वो अपने घर में घुस ही नहीं रहे थे | पूरे दिन अपने जवान बेटे ,पत्नी और टीम के साथ कभी इस अस्पताल तो कभी उस अस्पताल में घूम रहे थे ,लोगो को दवाएं बाँट रहे थे ,खाने-पीने का सामन लोगो के घरों में पहुंचा रहे थे | जब लोग अपने परिजनों को छूने से भी डर रहे थे शंटी उन्हें अस्पताल ले जाते थे |
इतना ही नहीं एक दो नहीं कोरोना से मरे हजारों लोगो का अंतिम संस्कार खुद अपने कंधों पर उठा शंटी नें कराया था | अब आप ही बताईये कोई कर सकता था बिना डरे यह काम | इस दौरान शंटी की टीम के कुछ लोग काल के ग्रास में भी समा गए | लेकिन शंटी नें हिम्मत नहीं हारी ,यहाँ तक की शंटी तथा उनके बेटे सहित परिवार के सदस्य भी कोरोना की चपेट में आ गए लेकिन ठीक होते ही शंटी फिर से जुट गए जनसेवा की मुहीम में | कोई माने या नहीं माने हम तो ऐसे व्यक्ति को महान का दर्जा देने में कंजूसी नहीं बरतने वाले | ऐसे सक्श को हमने उस वक्त भी सलाम किया था और आज भी उनकी तारीफ में दो लब्ज लिखते हुए कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते |
शंटी जी से हमारा तीस साल पुराना सम्बन्ध है हमने और उन्होंने शीला दीक्षित जी के साथ लम्बे समय तक काम किया है | यह जनसेवा शंटी नें कोरोना काल के बाद भी जारी रखी | आज भी वे साधनहीन लोगो के संस्कार कराते हैं तथा अपनी संस्था से एम्बुलेंस निशुल्क भेजते हैं | इसके अलावा भी जनहित के अनेक काम उनकी संस्था करती है ,शायद इसीलिए वे नगर निगम का चुनाव निर्दलीय रूप से भी जीत गए थे | दो बार निगम पार्षद तथा एक बार विधानसभा का चुनाव जीते शंटी कुछ चुनाव हारे भी है | लेकिन उस वक्त के शंटी और आज के शंटी में जमीन आसमान का फर्क है ,कोरोना काल के बाद शंटी को लोग किसी फरिश्ते से कम नहीं समझते ,खुद भारत सरकार नें उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था जिसके बाद ना केवल भारत अपितु पूरी दुनिया में शंटी का नाम एक देवदूत के रूप में जाना जाने लगा | इतना कुछ पढने के बाद अब हमसे मत पूछना शंटी भाई का इतना गुणगान हम क्यों कर रहे हैं | अरविन्द केजरीवाल नें शंटी के कामों की कद्र करते हुए उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर खुद उनकी तारीफ़ की |
इससे पहले हमने अरविन्द के मुहं से किसी की इतनी लंबी तारीफ़ नहीं सुनी | इसे कहते हैं असली हीरे की पहचान जौहरी को ही होती है | अब तो आप समझ ही गए होंगे शंटी को टिकिट भी मिलेगा और जीतेंगे भी क्योंकि उनके साथ लाखों लोगो की दुवाएं जो हैं | आज बस इतना ही …