चार महीने में कैसे सुधारी जा सकती है दिल्ली की सड़कों की हालत : दर्शन सिंह

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दर्शन सिंह
पद छोड़ा है तो शीश महल भी छोड़ना पड़ेगा : दर्शन सिंह

चार महीने में कैसे सुधारी जा सकती है दिल्ली की सड़कों की हालत : दर्शन सिंह

नई दिल्ली (सी.पी.एन.न्यूज़ ) : विधानसभा चुनाव नजदीक भांप आम आदमी पार्टी की हालत खस्ता होती जा रही है | एक दशक तक भ्रष्टाचार में डूबी दिल्ली की सरकार को अब न्यूनतम वेतन बढ़ाने तथा दिल्ली की खस्ताहाल सडकों की मर्र्म्त की याद आई है | यह कहना है भारतीय जनता पार्टी नवीन शाहदरा जिले के वरिष्ठ नेता पूर्व उपाध्यक्ष दर्शन सिंह का | दर्शन सिंह कहते हैं मात्र चार माह में दिल्ली की सडकों की हालत कैसे सुधारी जा सकती है | यह केवल चुनव की आहट से भयभीत आम आदमी पार्टी की नोटंकी के अलावा कुछ भी नहीं है |

दर्शन सिंह कहते हैं कि आम आदमी पार्टी का दिल्ली में 12 वर्षों के शासन का निक्कमापन उनके गले की फांस बन चुका है और अरविन्द केजरीवाल यह समझ चुके है कि अब दिल्ली की जनता उनकी विदाई का मन बना चुकी है | दर्शन सिंह कहते हैं दस वर्षों में सीएमलैड फंड से सड़क निर्माण पर एक भी पैसा खर्च क्यों नही किया | केजरीवाल सभी मंत्रियों को लोकसभा बांटकर सड़कों का निरीक्षण करने का नाटक करके दिल्ली वालों को गुमराह कर रहे है। दर्शन सिंह कहते हैं आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की जर्जर पड़ी सड़कों को बनाने के लिए चुनावी वर्ष का इंतजार क्यों किया | सड़के पहले भी बन सकती थी परंतु दिल्ली सरकार की सड़क बनाने की नियत ही नही थी । जिसका प्रमाण वर्ष 2023-24 के दौरान मुख्यमंत्री मंत्री सड़क पुर्ननिर्माण योजना (एमएसपीवाई) में कुल 400 करोड़ आवंटित हुए और सिर्फ 125 करोड़ ही खर्च हो सके।

उन्होंने कहा कि आप सरकार ने एमएसपीवाई के तहत पिछले 6 वर्षों में लगभग 2545 करोड़ आवंटित हुए जिसकी 67 प्रतिशत राशि 1708 करोड़ खर्च ही नही हुई। जब 5 वर्ष के पूरे शासन काल से भी अधिक समय में सिर्फ 837.32 करोड़ रुपये दिल्ली की सड़कों पर खर्च होगा तो सड़क दुरस्त कैसे होंगी |

अरविंद केजरीवाल के 26-27 सितंबर को सड़कों के निरीक्षण कार्यक्रम को इवेंट बनाया गया, जिसमें उन्होंने एक विधायक की हैसियत होते हुए कहा कि
मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा, कैसे? जब केजरीवाल के जेल से बाहर आने से पहले सड़क पुर्ननिर्माण के लिए एमएसपीवाई को फंड मंजूर हो चुका था, तब केजरीवाल द्वारा सड़क निरीक्षण ढ़ोंग क्यों कर रहे हैं |

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