भारत को बनना है चैंपियन, तो करने होंगे ये 3 काम; जानें कैसे 11 साल बाद हाथ लगेगी ICC ट्रॉफी
भारत की विश्व कप में एक या दो नहीं कई खामियां हैं. अगर भारत को विश्व विजेता बनना है तो इन तीनों खामियों से निजात पाना होगा.
भारतीय टीम विश्व कप के सुपर-8 में पहुंचने तक कोई मैच नहीं हारी थी, लेकिन असली परीक्षा अब शुरू होने जा रही है. USA की पिच अभी तक गेंदबाजी के अनुकूल रहीं, जिनका जसप्रीत बुमराह समेत अन्य भारतीय तेज गेंदबाजों ने भरपूर फायदा उठाया. पाकिस्तान और यूएसए के खिलाफ मैच में एक समय पर टीम इंडिया पर हार का खतरा मंडराने लगा था, जो संकेत है कि टीम के अंदर जरूर कुछ खामियां हैं. ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड की लय को देखते हुए भारत का विश्व विजेता बनने का सपना चकनाचूर हो सकता है. भारत 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद कोई ICC टूर्नामेंट नहीं जीत सका है. ऐसे में चलिए उन 3 बातों पर प्रकाश डालते हैं, जिन पर भारतीय टीम को खास काम करने की जरूरत है.
1. विराट कोहली रन बनाएं
विराट कोहली टी20 वर्ल्ड कप की शुरुआत से रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग करते दिखे हैं. यह स्पष्ट हो चुका है कि ओपनिंग बल्लेबाजी क्रम कोहली को कतई नहीं भा रहा है. 3 मैचों में वो सिर्फ 9 गेंद क्रीज़ पर टिके रह सके, जिनमें उन्होंने केवल 5 रन बनाए हैं. कोहली, भारतीय टीम में बल्लेबाजी की रीढ़ की हड्डी कहे जा सकते हैं. जब शरीर की रीढ़ ही मजबूत नहीं होती तो भला उसे पूरी तरह फिट कैसे बताया जा सकता है. ऐसे ही विराट कोहली के चलने से भारत की बैटिंग सुदृढ़ हो जाएगी.
2. टीम में एक रिस्ट स्पिनर होना चाहिए
भारत के टी20 वर्ल्ड कप स्क्वाड में कुलदीप चहल और युजवेंद्र चहल के रूप में 2 रिस्ट स्पिनर मौजूद हैं, फिर भी अब तक उनका उपयोग नहीं किया गया है. अब वर्ल्ड कप के सभी मुकाबले वेस्टइंडीज में खेले जाने हैं और यहां की पिच स्पिन गेंदबाजी के अनुरूप रह सकती हैं. वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में आदिल रशीद ने दिखाया कि रिस्ट स्पिन गेंदबाजी यहां की पिचों पर खूब कारगर रह सकती है. एक तरफ इंग्लैंड के सभी गेंदबाजों की धुनाई हो रही थी, वहीं रशीद ने 4 ओवर में मात्र 21 रन देकर 1 विकेट भी लिया. गेंदबाजी में विविधता के लिए टीम इंडिया को कुलदीप या चहल को जरूर प्लेइंग इलेवन में रखना चाहिए.
3. मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजी में निरंतरता
रोहित शर्मा और विराट कोहली के रूप में भारत के सलामी बल्लेबाज वर्ल्ड कप में पूरी तरह असफल रहे हैं. हालांकि 3 नंबर पर खेलते हुए ऋषभ पंत ने सभी मैचों में टिक कर बल्लेबाजी की है. मगर सलामी जोड़ी के ना चलने से मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजों पर दबाव आ रहा है. ऐसे में सूर्यकुमार एक फिफ्टी के अलावा अन्य 2 पारियों में मात्र 9 रन बना पाए हैं. वहीं बाकी बल्लेबाजों का कुछ अता-पता ही नहीं है. कभी अक्षर पटेल तो कभी शिवम दुबे को ऊपरी क्रम पर बैटिंग के लिए भेजा जा रहा है. ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे टीम मैनेजमेंट जानता ही नहीं है कि मिडिल ऑर्डर बैटिंग का कॉम्बिनेशन कैसा होना चाहिए. यदि भारत को विश्व विजेता बनना है तो हर हाल में मिडिल ऑर्डर बैटिंग को मजबूत करना होगा.