पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट : भाजपा की नजर कांग्रेस की सूची पर कांग्रेस दिग्गज को दे सकती है भाजपा मौक़ा
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली,आज की हैडलाइन कुछ अटपटी सी लग रही होगी आपको, आखिर क्या जरूरत है भाजपा को कांग्रेस की सूची का इन्तजार करने की | क्या भाजपा के पास अपने प्रत्याशियों की कमी है | ये कई सवाल ऐसे है जिनका जवाब आपको तकरीबन रोजाना पढने को मिलता होगा | आज कांग्रेस के सुरेश पचौरी भाजपा में शामिल हो गए ,जयंत चौधरी की पार्टी से भाजपा का तालमेल हो गया,चंद्रबाबू नायडू से आन्ध्र में गठ्बन्धन लगभग तय,उड़ीसा में बीजू जनता दल से मिलकर चुनाव लड़ेगी भाजपा | आखिर बहुमत का आंकड़ा जो छूना है भाजपा को |
समझ गए ना आप, हमें इन सब बातों का वर्णन क्यों करना पड़ रहा है | दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठ्बन्धन से भाजपा निश्चित तौर से दबाव में है और उसका होना भी वाजिब है ,दिल्ली विधानसभा के पिछले तीन चुनावों और दिल्ली नगर निगम के पिछले चुनावों में अकेले आप पार्टी नें भाजपा को पटकनी दी है इसे भाजपा नेत्रत्व भूला नहीं है | और अब तो आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस भी है लिहाजा कांटे की टक्कर होने की सम्भावना से इनकार
नहीं किया जा सकता | इन हालातों में जब पूरे देश में भाजपा विपक्षी दलों से समझोते कर रही है और दूसरी पार्टी के नेताओं की ओर हसरत भरी निगाहों से देख रही है ऐसे में दिल्ली में भी भाजपा को विपक्षी गठ्बन्धन से एक मजबूत चेहरे की तलाश है जो सारे समीकरण बदलने की क्षमता रखता हो | जिसकी खबर को सारे चैनल दिन रात चलाये और सभी अखबार प्रमुखता से छापे और गठ्बन्धन को जोर का झटका दिया जा सके |
दिल्ली की सियासत में ऐसा चेहरा कौन हो सकता है | हमने नजर दौडाई तो सूत्रों नें दावा किया भाजपा की नजर पूर्व मुख्यमंत्री स्व.शीला दीक्षित के पुत्र पूर्व सांसद संदीप दीक्षित पर मजबूती से टिकी है | और संदीप को भाजपा पूर्वी दिल्ली से मौका दे सकती है | इस दावे में इसलिए भी दम दिखता है आखिर एक-एक सीट की जीत से ही तो भाजपा का लक्षय अबकी बार —-कितनी पार पूरा होने की सम्भावनाएं प्रबल होंगी | उल्लेखनीय है पूर्वी दिल्ली से भाजपा नें अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है | भाजपा केवल एक सीट से दिल्ली की सभी सीटों के समीकरण को साधने का काम कर रही है | हालांकि संदीप दीक्षित इस टोपिक पर बोलने से बचते दिखे उनका कहना था भाजपा में क्या चल रहा है इस सवाल का जवाब भाजपा से पूछिए | आज बस इतना ही …