इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए नए चार्जिंग स्टेशन बनाएगी NDMC, 350 जगहों पर होगी सुविधा
NDMC ने परिषद की बुनियादी ढांचों को बेहतर बनाने के मुद्दों पर एक बैठक की जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए नए चार्जिंग स्टेशन के प्रस्ताव को मंजूरी मिली.
नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) ने परिषद की बुनियादी ढांचों को बेहतर बनाने, नागरिक केंद्रित सुविधाओं को बढ़ाने और कर्मचारियों के कल्याण सम्बंधित मुद्दों पर एक बैठक की जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए चार्जिंग स्टेशन के निर्माण और कर्मचारियों को नौकरी में सुरक्षा कवच देने जैसे प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. बैठक की अध्यक्षता पालिका परिषद के अध्यक्ष अमित यादव ने की. इस दौरान उपाध्यक्ष समेत पालिका परिषद के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे.
350 स्थानों पर बनाए जाएंगे ई-चार्जिंग स्टेशन
बैठक में, इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नई एनडीएमसी ने 350 और स्थानों पर ई-चार्जिंग स्टेशन बनाने की मंजूरी दी है. इसके बाद लुटियंस दिल्ली में सरकारी कार्यालयों से लेकर ग्रुप हाउसिंग सोसायटी और सार्वजनिक स्थलों पर चार्जिंग स्टेशन इंस्टॉल किये जायेंगे. इसके लिए एनडीएमसी ने केंद्र सरकार के PSU की मदद लेने का निर्णय लिया है, जिनकी मदद से ये स्टेशन इंस्टॉल होंगे. इन चार्जिंग स्टेशनों पर विज्ञापन साइटें भी बनेंगी. इससे आने वाले राजस्व में एनडीएमसी की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी और 40 प्रतिशत हिस्सेदारी PSU की होगी.
PSU के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय और सदस्य कुलजीत चहल ने बताया कि एनडीएमसी क्षेत्र में नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रोग्राम से संबंधित सार्वजनिक चार्जिंग संबंधी बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए एनडीएमसी और एचएलएल इंफ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेड, राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (आरईआईएल) और केरल राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड (केलट्रॉन) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. उन्होंने बताया कि चार्जिंग स्टेशन के एक स्थान और तीन से सात चार्जिंग पॉइंट बनाए जाएंगे. इनमें से एक फ़ास्ट चार्जिंग पॉइंग होगा. PSU एनडीएमसी को प्रति यूनिट खपत पर एक रुपये की हिस्सेदारी किराए के रूप में देगी. गौरतलब है कि, एनडीएमसी क्षेत्र में 100 चार्जिंग स्टेशन पहले से ही इंस्टॉल हैं. इन्हें कनॉट प्लेस से लेकर नई दिल्ली के विभिन्न मार्गों पर लगाया गया है.
पुराने नियमों में किया जा रहा बदलाव
वहीं एनडीएमसी कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा के मुद्दे पर चहल ने बताया कि एनडीएमसी में कार्य करने वाले स्थायी और अस्थायी कर्मियों दोनों के मुद्दे जो वर्षों से लंबित पड़े थे उन पर एनडीएमसी की टीम गंभीरता से कार्य कर रही है. इसके तहत वर्षों से लंबित एनडीएमसी कर्मियों को सातवें वेतन आयोग के लाभ देने के लिए कार्यालय आदेश निकाल दिया गया है. अब सभी कर्मियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप वेतन मिलेगा. इसके साथ ही एनडीएमसी की बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई है कि इन कर्मियों को 60 वर्ष की आयु होने तक नौकरी से न निकाला जाए. वहीं उन्होंने भर्ती के लिए पुराने नियमों को लेकर कहा कि समय के अनुसार कर्मियों के भर्ती के दशकों से चले आ रहे पुराने नियमों में भी बदलाव किया जा रहा है.