दिल्ली की बिजली: सीएम बोले- फ्री बिजली बंद करने की रच रहे साजिश, फिर कहते हैं लड़ता बहुत है केजरीवाल
बिजली मंत्री आतिशी ने जहां शुक्रवार को विधानसभा में बिजली सब्सिडी से जुड़ा मुद्दा उठाया, वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को ट्वीट करते हुए उपराज्यपाल पर बिजली की फाइलों को दबाकर बैठने का आरोप लगाया।
केजरीवाल ने किया ट्वीट
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘फिर कहते हैं केजरीवाल लड़ता बहुत है। दिल्ली की फ्री बिजली को बंद करने के लिए साजिश रची जा रही है। लेकिन हम इनकी साजिश को कभी सफल नहीं होने देंगे। दिल्ली की जनता के हक के लिए केजरीवाल चट्टान की तरह खड़ा मिलेगा। एलजी साहब, बाद में कृपया ये मत कहिएगा कि मर्यादाएं टूट रही हैं।’
आतिशी ने विधानसभा में क्या कहा था
बिजली मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को बिजली के मुद्दे पर विधानसभा में सवाल उठाया। इस दौरान उन्होंने उपराज्यपाल की शह पर मुख्य सचिव और बिजली सचिव पर साजिश के तहत फ्री बिजली पर रोक लगाने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं उन्होंने मुख्य सचिव व बिजली विभाग के उच्चाधिकारी बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए साठगांठ करने का भी दावा किया।
उन्होंने कहा कि बिजली सब्सिडी की अहम फाइल 15 दिन के भीतर कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करनी की थी, लेकिन 14 दिन बीतने के बाद भी फाइल कैबिनेट तक नहीं पहुंची जबकि 14 दिन पहले उपराज्यपाल के कार्यालय से निकली फाइल मुख्यमंत्री व बिजली मंत्री तक पहुंचने की जगह मुख्य सचिव और बिजली सचिव के कार्यालय में घूम रही है।
‘आखिर क्या छुपाने का किया जा रहा प्रयास’
आतिशी ने सवाल किया कि ऐसा कर आखिर क्या छुपाने का प्रयास किया जा रहा है। 10 मार्च को मीडिया के माध्यम से उपराज्यपाल के यहां से लोगों को मिलने वाली 200 यूनिट फ्री बिजली से जुड़ी फाइल भेजने के बारे में मालूम हुआ था। यह फाइल कैबिनेट के सामने प्रस्तुत होनी थी।
इस कारण यह फाइल दिल्ली के कैबिनेट व बिजली मंत्री के पास जानी थी, लेकिन उपराज्यपाल ने इस फाइल को न तो मुख्यमंत्री को भेजा और न ही बिजली मंत्री के पास भेजा गया। वहीं मुख्य सचिव व ऊर्जा सचिव यह फाइल उनके पास अभी तक नहीं भेजने के बारे में नहीं पता रहे है।
हालांकि बड़ी मुश्किल से किसी अधिकारी ने उन तक 200 यूनिट बिजली सब्सिडी से जुडी फाइल की फोटो कॉपी भेजी है। उनकी बात सुनने व सदन की मांग के तहत विधानसभा अध्यक्ष ने यह मामला सार्वजनिक सुविधाओं की स्थायी समिति के पास जांच के लिए भेज दिया।