हिजाब के खिलाफ सड़कों पर उतरी हजारों ईरानी महिलाएं, मारे गए 5 प्रदर्शनकारी

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ईरान में हिजाब पहनना अनिवार्य है। ऐसा ना करने पर सज़ा का भी प्रावधान है। हिजाब के नाम पर ईरान में एक लड़की को पीट-पीटकर मार दिया गया। 22 साल की महासा अमीनी 13 सितंबर को महासा अमीनी अपने परिवार के साथ तेहरान घूमने आई थी। महासा अमीनी ने हिजाब पहना हुआ था। लेकिन उसके हिजाब से, उसकी कुछ जुल्फें बाहर आ रही थीं। इसी वजह से कुछ हिजाबधारी महिलाओं और ईरान पुलिस ने महासा को जबरदस्ती पकड़कर बुरी तरह से मारा पीटा। जिसके बाद अस्पताल में कुछ समय तक कोमा में रहने के बाद अमीनी की मौत हो गई। जिसके बाद अमीनी की मौत के विरोध में ईरान में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए। कई जगह इन प्रदर्शनों ने हिंसक रूप भी ले लिया। इस दौरान दीवानदारेह शहर में पांच लोग मारे गए। यह ईरान के कुर्द क्षेत्र का वह हिस्सा है, जहां सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच ईरान की महिला प्रदर्शनकारियों ने बाल कटाए और हिजाब जलाए। महिलाएं पर्दे में रहने के कठोर नियम का विरोध कर रही हैं। महिलाओं की मांग है कि हिजाब को अनिवार्य की जगह वैकल्पिक किया जाए। अयातुल्लाह खामनेई ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता हैं। देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था होने के बावजूद सभी अहम फैसले वही लेते हैं। प्रदर्शनकारी उनके खिलाफ भी नारेबाजी कर रहे हैं। प्रदर्शन की वजह से कुर्द इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। इस पर एलन मस्क ने कहा है कि ईरान में उनकी कंपनी स्टारलिंक के सैटेलाइट काम कर रहे हैं। उनसे इंटरनेट इस्तेमाल किया जा सकता है। माहसा अमीनी की मौत के बाद अमेरिका के वॉशिंगटन, कनाडा को टोरंटो, फ्रांस के पेरिस में भी महिलाओं ने रैलियां निकाली हैं। दुनियाभर में रह रहे ईरान मूल के लोग इन प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे हैं।महिलाएं अपने बाल काटकर सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर रही हैं। वे खुद को गिरफ्तार करने की चुनौती भी दे रही हैं। ईरान की न्यायपालिका ने महिला की मौत की जांच शुरू कर दी है।

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