दक्षिण कश्मीर के पहलगाम इलाके में अमरनाथ यात्री को बचाते हुए एक 22 वर्षीय टट्टू चालक की चट्टान से गिरकर मौत हो गई। मृतक की पहचान इम्तियाज खान के रूप में हुई है। इम्तियाज के बारे में कहा जाता है कि वह काफी मेहमाननवाज और मददगार स्वभाव के लिए व्यक्ति थे। खबर के मुताबिक, हादसे से पहले इम्तियाज अपने घोड़े से जा रहे थे। तभी उनकी नजर एक तीर्थयात्री पर पड़ी जो घोड़े पर सवार था और सो रहा था। इम्तियाज ने देखा कि यात्री सो रहा है और कभी भी गिर सकता है। उन्होंने उस तीर्थयात्री को जगाने की कोशिश की कि तभी वह खुद गहरी खाईं में जा गिरे।
इम्तियाज खान अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला
इम्तियाज के मामा नजीर अहमद खान ने कहा कि तीर्थयात्री को जगाने की कोशिश में इम्तियाज अपना संतुलन खो बैठा और चट्टान से नीचे गिर गया। वह 300 फीट नीचे गिर गया। नजीर का कहना है कि इम्तियाज खान अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला था और अपनी पत्नी, आठ महीने के बच्चे, अपने माता-पिता और चार भाई-बहनों का भरण-पोषण करता था।
पिछले 36 घंटों में छह तीर्थयात्रियों और एक टट्टू चालक की मौत
इम्तियाज के पिता आंशिक रूप से अंधे हैं और कड़ी मेहनत नहीं कर सकते हैं, और उनकी तीन बहनों की शादी होनी बाकी है। अब, परिवार को सरकार से कुछ मुआवजे की उम्मीद है। इम्तियाज खान की तरह, कई अन्य स्थानीय लोगों ने भी मेहमानों को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी। अमरनाथ यात्रा के दौरान पिछले 36 घंटों में छह तीर्थयात्रियों और एक टट्टू चालक की मौत हो गई।
तीर्थयात्रा के दौरान अब तक कुल 49 लोगों की मौत
अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। तीर्थयात्रा के दौरान अब तक कुल 49 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में 15 वे यात्री शामिल हैं, जिनकी आठ जुलाई को अचानक आई बाढ़ में मौत हो गई थी। 30 जून से शुरू हुई तीर्थयात्रा के दौरान अब तक 47 यात्रियों और दो टट्टू चालकों की मौत हो चुकी है। एक टट्टू चालक की मौत पहलगाम में गहरी खाई में गिरने से हो गई थी।