UPSC Result 2024: संघर्ष, समर्पण और सपनों की उड़ान, बोकारो के राजकुमार महतो ने UPSC 2024 में हासिल की 557वीं रैंक
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा 2024 के परिणाम में झारखंड के बोकारो जिले के चास प्रखंड स्थित तियाड़ा गांव के राजकुमार महतो ने 557वीं रैंक प्राप्त कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे जिले का मान बढ़ाया है। उनकी सफलता मात्र एक परीक्षा पास करने की कहानी नहीं है, बल्कि यह दृढ़ संकल्प, अथक मेहनत और जीवन की चुनौतियों से जूझते हुए अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणादायक गाथा है।
राजकुमार महतो एक अत्यंत साधारण, मगर जुझारू और मेहनती परिवार से आते हैं। उनके पिता रामपद महतो कभी एक साधारण दर्जी के रूप में कपड़े सिलते थे। लेकिन जब रोजी-रोटी के साधन सीमित हुए, तब उन्होंने अखबार बेचने का काम शुरू कर दिया। आर्थिक कठिनाइयों और संसाधनों की कमी के बावजूद रामपद महतो ने अपने बेटे को अच्छी शिक्षा दिलाने का संकल्प नहीं छोड़ा। और आज उसी संकल्प ने राजकुमार को देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता दिलाकर एक मिसाल बना दिया है।
राजकुमार की शिक्षा की शुरुआत चास स्थित जीजीपीएस स्कूल से हुई, जहां उन्होंने प्राथमिक से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित रामजस कॉलेज में दाखिला लिया और वहीं से स्नातक की डिग्री हासिल की। उच्च शिक्षा की ओर कदम बढ़ाते हुए उन्होंने इग्नू (IGNOU) से एमए की डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई के इस पूरे सफर में संसाधन सीमित रहे, लेकिन उनके सपने कभी छोटे नहीं हुए।
यूपीएससी की यह उनकी तीसरी कोशिश थी। इससे पहले वे एक बार इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे थे, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बार उन्होंने अपने आत्मविश्वास, बेहतर रणनीति और निरंतर प्रयासों के बल पर वह कर दिखाया, जो लाखों युवा सिर्फ सपना देखते हैं। इस बार उनका इंटरव्यू संजय वर्मा साक्षात्कार बोर्ड के अधीन हुआ था।
अपनी सफलता का श्रेय राजकुमार ने अपने माता-पिता और पूरे परिवार को दिया। उन्होंने कहा, “मेरे पिता ने जिस तरह संघर्ष किया, वह मेरे जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। जब उन्होंने कभी हार नहीं मानी, तो मुझे भी पीछे हटने का हक नहीं था। मेरी यह सफलता सिर्फ मेरी नहीं, पूरे परिवार की है।” उन्होंने अपनी मां राधिका देवी, बड़ी बहनों अंजली और रेणु, और शिक्षकों को भी विशेष धन्यवाद दिया, जिनके समर्थन और मार्गदर्शन ने उन्हें यहां तक पहुंचाया।
दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए राजकुमार ने बताया कि वह अपने गांव के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बनना चाहते हैं। “गांवों में आज भी कई प्रतिभाएं छिपी हैं, जिन्हें बस एक दिशा और अवसर की जरूरत है। अगर मैंने कर दिखाया, तो कोई भी कर सकता है। सपने बड़े देखने चाहिए, और फिर उन्हें पूरा करने की हिम्मत भी होनी चाहिए।”
राजकुमार की यह उपलब्धि पूरे बोकारो जिले के लिए एक गर्व का क्षण है। तियाड़ा गांव, जहां से वे आते हैं, आज उनके नाम से गौरवांवित है। ग्रामीणों में खुशी की लहर है और हर कोई उनके संघर्ष और सफलता की चर्चा कर रहा है। यह सफलता न केवल एक व्यक्ति की है, बल्कि यह उन हजारों युवाओं की आशा है, जो सीमित संसाधनों में भी कुछ बड़ा करने का सपना देखते हैं।
राजकुमार महतो की कहानी यह सिद्ध करती है कि कठिनाइयों से भागने के बजाय अगर उनसे जूझा जाए, तो सफलता अवश्य मिलती है। उनका जीवन उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो संघर्षों से हार मानकर सपनों को अधूरा छोड़ देते हैं। राजकुमार ने यह दिखा दिया है कि अगर इरादे नेक हों, मेहनत ईमानदार हो, और आत्मविश्वास अडिग हो—तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।