RSS प्रमुख मोहन भागवत ने आज अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख इमाम डॉ इमाम उमर अहमद इलियासी के साथ बैठक की। बातचीत के बाद डॉ इमाम उमर अहमद इलियासी ने कहा कि मोहन भागवत इस देश के ‘राष्ट्र-पिता’ और ‘राष्ट्र-ऋषि’ हैं। अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख ने कहा कि भागवत जी आज मेरे निमंत्रण पर पधारे। उनकी यात्रा से एक अच्छा संदेश जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि हिंदू और मुस्लिम के पूजा करने के तरीके अलग हैं लेकिन हम सब का धर्म मानवता का है। इमाम प्रमुख ने मानवता को सबसे बड़ा धर्म बताया और कहा कि राष्ट्र का स्थान धर्म से ऊपर है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इन पांच मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ बैठक में गोहत्या से लेकर अपमानजनक संदर्भों के उपयोग तक के मुद्दों पर बातचीत की है। इतना ही नहीं दोनों पक्षों की ओर से दोनों समुदायों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर बातचीत जारी रखने के लिए समय-समय पर मिलने का संकल्प भी लिया है। बताया जाता है कि करीब आधे घंटे के लिए निर्धारित मीटिंग करीब 75 मिनट तक चली। यह मीटिंग आरएसएस के अस्थायी दिल्ली कार्यालय, उदासीन आश्रम में करीब एक माह पहले हुई थी। इसमें जहां आरएसएस चीफ भागवत और सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल के अलावा मुस्लिम समुदाय के बुद्धिजीवी पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व एएमयू कुलपति, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जमीर उद्दीन शाह और रालोद नेता शाहिद सिद्दीकी और व्यवसायी सईद शेरवानी प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इस दौरान बंद कमरे में दोनों पक्षों के बीच समुदायों के बीच संबंधों को सुधारने पर विशेष रूप से चर्चा की गई। देश में सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने पर विशेष चर्चा की गई। इस अवसर पर दोनों पक्षों के बीच इस पर विशेष चर्चा हुई और सहमति बनी की कि समुदायों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव और सुलह को मजबूत किए बिना देश प्रगति नहीं कर सकता। बताया जाता है कि दोनों पक्षों ने इस बात का समर्थन किया कि सांप्रदायिक सद्भाव और समुदायों के बीच मतभेदों और गलतफहमियों को दूर करने की आवश्यकता है। इसके लिए एक योजना भी तैयार की गई। आरएसएस चीफ ने पिछले साल भी मुंबई के एक होटल में मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक समूह के साथ मुलाकात की थी। सितंबर 2019 में भागवत ने दिल्ली में आरएसएस कार्यालय में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी से भी मुलाकात की थी और हिंदू-मुस्लिम एकता, मॉब लिंचिंग की घटनाओं समेत कई मुद्दों पर चर्चा की थी।