महाराजा अग्रसेन संस्थान में दो दिवसीय सिनेफेस्ट 2.0 का आयोजन,सिनेफेस्ट 2.0 में लगा फिल्मों का मेला
नई दिल्ली । महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में दो दिवसीय सिनेफेस्ट 2.0 का आयोजन हुआ। इसमें अनेक मंझे हुए कलाकारों, शिक्षाविदों और फिल्मकारों ने सिनेमा के बारे में अपने विचार साझा करते हुए कहा कि छात्रों द्वारा बनाई फिल्में आशा जगाती हैं कि भारतीय सिनेमा का भविष्य उज्ज्वल है। उद्घाटन अवसर पर सांसद, अभिनेता और गायक मनोज तिवारी, जाने-माने फिल्म और टेलीविजन अभिनेता राजेंद्र गुप्ता, माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय,भोपाल के उपकुलपति प्रो. के. जी. सुरेश विशेष रूप से उपस्थित थे। संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष डा. नंद किशोर गर्ग और अध्यक्ष श्री विनीत कुमार लोहिया ने अतिथियों का स्वागत किया।
उद्घाटन अवसर पर मनोज तिवारी ने फ़िल्मों में भारतीयता को समेटने वाली सशक्त कहानी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में फिल्में भाषा और क्षेत्रवाद से बाहर आ चुकी हैं, यह अच्छी बात है। संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष डा. नंद किशोर गर्ग ने फ़िल्मों के माध्यम से भारत के पुनर्जागरण की बात कही।
इस अवसर पर प्रो. के. जी. सुरेश ने कहा कि ओटीटी प्लेटफार्म ने रचनात्मकता का दायरा बढ़ा दिया है। नए छात्रों की प्रतिभा को पहचानने और आगे बढ़ाने के लिए ऐसे फिल्मोत्सव महती भूमिका निभाते हैं । दो दिवसीय फिल्म फेस्टिवल में देशभर से 105 फिल्मों की प्रविष्टियां आईं, जिनमें से श्रेष्ठ दस फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई। फिक्शन श्रेणी में सौरव दे द्वारा निर्देशित ‘द लास्ट रेन’ को प्रथम और ‘ मलाला वीप्स गो कोरोना ‘ को द्वितीय पुरस्कार दिया गया।
नॉन-फिक्शन श्रेणी में देबशक्ति महापात्रा की डॉक्यूमेंट्री ‘वन फीट’ को विजेता और कथिर बाला की फिल्म ’90 ईयर्स यंग ‘ को उपविजेता घोषित किया गया।ऑन-द-स्पॉट फिल्म मेकिंग कॉम्पिटिशन में ‘ ऑलमोस्ट फेमस ‘ को प्रथम, लॉस्ट एंड फाउंड को द्वितीय, सिक्का को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। फिल्मों के साथ- साथ स्टैंडअप कॉमेडी, म्यूजिक बैंड, फैशन शॉ, क्विज, डीजे, तरह-तरह के स्टॉल्स इन दो दिनों के आकर्षण रहे।
कार्यक्रम में संस्थान के ट्रस्टीगण और पदाधिकारी उपस्थित थे, जिनमें प्रमुख थे सर्वश्री जगदीश मित्तल, ज्ञान अग्रवाल, मोहन गर्ग, आनंद गुप्ता, अविनाश अग्रवाल, रजनीश गुप्ता, प्रो. रजनी मल्होत्रा ढींगरा। फेस्टिवल में पैनल डिस्कशन और जूरी के सदस्य, प्रो. अशोक ओगरा, प्रो. मिहिर रंजन पात्रा, शैलेंद्र पांडेय, अखिल गौतम, दीपक दुआ, भरत बंगा ने कार्यक्रम में महती भूमिका निभाई।