
Delhi Stampede News: नई दिल्ली स्टेशन पर कल रात मची भगदड़ में बच्चों समेत 18 लोगों की मौत हो गयी जबकि दर्जनों घायल हो गए. घायलों में 9 लोग गंभीर बताए जा रहे हैं. दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में घायलों का इलाज जारी है. हादसे में जान गंवाने वाले अधिकतर बिहार के रहने वाले लोग बताए गए हैं. पीड़ितों में गया के रहने वाले संजय का परिवार भी शामिल है.
संजय समेत परिवार के कुल 12 लोग प्रयागराज महाकुम्भ में जाने के लिए नई दिल्ली स्टेशन पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि लाखों की भीड़ थी. रेलवे ने ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने का ऐलान कर दिया. ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदले जाने से अचानक भगदड़ मच गई. हादसे में 37 वर्षीय बहन पिंकी की मौत हो गयी जबकि पत्नी और बच्ची घायल हो गयी.
संजय ने बताया, “परिवार के 12 लोग महाकुंभ जाने वाली ट्रेन पकड़ने नई दिल्ली स्टेशन गए थे. रात 8:00 बजे सभी लोग प्लेटफॉर्म नम्बर 14 पर पहुंचे. रेलवे ने ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने का ऐलान किया. प्लेटफॉर्म 16 पर ट्रेन के आने की सूचना हुई. सीढ़ियों से उतरने के दौरान भगदड़ मच गई. भीड़ में पत्नी, छोटे भाई की पत्नी, बच्चे और बेटी दब गए.”
गया के रहने वाले संजय ने बताया कैसे मची थी भगदड़?
संजय ने भीड़ के सैलाब से खींच कर पत्नी को निकाला. 11 साल की बेटी को भी बड़ी मुश्किल से उठाया. भीड़ में बहन का पता नहीं चल पा रहा था. काफी देर तलाश करने के बाद बहन मिली. तब तक बहन की मौत हो चुकी थी. उन्होंने बताया, “करीब 50 मिनट तक बहन पिंकी को सीपीआर दिया. शरीर में हरकत नहीं हुई. पड़ोसी की सहायता से बहन को एलएनजेपी अस्पताल पहुंचाया. डॉक्टरों ने बहन को मृत घोषित कर दिया.” संजय ने कहा कि बड़ी घटना होने के बावजूद प्रशासन की टीम नदारद नजर आई. पुलिसवाले भी दिखाई नहीं दे रहे थे. रेलवे प्रशासन की तरफ से भी भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था नहीं थी.
भीड़ नियंत्रण के लिए रेलवे की तैयारी पर उठाए सवाल
उन्होंने बताया कि बहन पिंकी के दो छोटे बच्चे हैं. एक बेटी 6 साल की और बेटा 12 साल का है. बच्चों के सिर से ममता का साया उठ चुका है. मां के लौटने का इंतजार बच्चे अभी भी कर रहे हैं. पिंकी अब कभी वापस नहीं लौटेगी. रेलवे प्रशासन ने मृतकों के लिए 10 लाख का ऐलान किया है. गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख और मामूली घायल को एक लालच रुपये की सहायता राशि दी जाएगी.