आप की पहली लिस्ट के बाद ही शुरू हुआ घमासान
* श्री दत्त शर्मा नें किया ऐलान लड़ेंगे चुनाव
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली विधानसभा चुनावों की घोषणा होने से पहले ही अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में असंतोष के स्वर फूटने लगे है | खासतौर से दूसरे दलों से आये नेताओं को प्रत्याशी बनाने पर भयंकर असंतोष सुनने को मिल रहा है | चिंगारी लग चुकी है जल्द ही शोले भड़कने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता | जिन पूर्व विधायकों या वर्तमान विधायकों की टिकट काट दूसरे नेताओं को दिए गए है वहां बगावती सुर पनपने लगे है | और आशंका जताई जा रही है आने वाले कुछ दिनों में यह विरोध विद्रोह में भी बदल सकता है | रोहताश नगर विधानसभा से पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से कई नें पार्टी संयोजक अरविन्द केजरीवाल से घोषित प्रत्याशी सरिता सिंह को बदलने की मांग की है |
पार्टी के वरिष्ठ नेता रामबीर सिंह मलिक नें कहा सरिता सिंह दिल्ली में सबसे कमजोर प्रत्याशी है और वे कभी चुनाव नहीं जीत सकती | उन्होंने कहा वे टीम के साथ इस बाबत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर विरोध जतायेगें | जहां तक घोंडा विधानसभा की बात है चुनाव हारने के बाद क्षेत्र में लगातार सक्रिय श्री दत्त शर्मा नें तो पार्टी के निर्णय की आलोचना करते हुए चुनावी जंग में कूदने का ही निर्णय ले लिया है | उन्होंने अपने समर्थकों की बैठक रविवार को अपने स्कूल में सुबह रखी है |
श्रीदत्त शर्मा कहते हैं उन्होंने पूरे दस साल क्षेत्र की सेवा की है जिसे पार्टी नें एक झटके में ही भुला दिया | वे कहते हैं समर्थकों की राय के बाद वे तय करेंगे किस पार्टी से चुनाव लड़ना है अथवा निर्दलीय पर्चा भरना है | कमोवेश कुछ इसी तरह के बगावती सुर सीलमपुर, सीमापुरी ,किराड़ी ,लक्ष्मी नगर तथा मटियाला से सुनने को मिल रहे है | पार्टी वर्करों का कहना है यदि प्रत्याशी बदलने ही थे तो स्थानीय वर्करों में से चयन करना था जबकि चंद दिन पहले पार्टी में शामिल हुए ऐसे लोगो को प्रत्याशी बना दिया गया जिन्हें आप पार्टी दो-दो या तीन-तीन बार चुनाव हरा चुकी है | पार्टी के इस निर्णय से आवाम में गलत संदेश गया है | वहीं पार्टी से जुड़े कुछ सूत्रों का कहना है पार्टी नें एक रणनीति के तहत ज्यादातर उन लोगो को प्रत्याशी बनाया है जो पिछला चुनाव हार गए थे या जो
दूसरे दलों से पार्टी में शामिल हुए हैं | ताकि समय रहते पता चल सके किस प्रत्याशी का कितना विरोध हो रहा है ,और पार्टी एन वक्त पर निर्णय बदल दें |
राजनीती में और खास तौर से आप पार्टी में कब क्या नये समीकरण बन जाएँ कोई नहीं जानता | आज बस इतना ही …