विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस संगठन के कसेगी पेच

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विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस संगठन के कसेगी पेच
विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस संगठन के कसेगी पेच

विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस संगठन के कसेगी पेच

* बदले जायेंगें नकारा जिला तथा ब्लॉक अध्यक्ष

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,जी हाँ यह बिलकुल सही है कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव को ले बेहद अलर्ट मोड में है | लोकसभा चुनावों में पार्टी को भले ही कोई सीट हासिल नहीं हुई लेकिन पार्टी के मत प्रतिशत में भारी बढ़ोतरी हुई है जिसे पार्टी के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है | पार्टी में इस बात को ले भी ख़ुशी है कि पार्टी का परम्परागत वोट रहा अल्पसंख्यक ,दलित तथा कुछ और वर्ग एक बार फिर से पार्टी से जुड़ गया है और यदि जमीनी स्तर पर मेहनत की जाए तो पार्टी दिल्ली की सियासत में एक बार फिर से वापसी कर सकती है |

दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया बड़ी बारीकी से अपनी टीम के साथ सम्भावनाएं तलाश रहे है | दीपक बाबरिया के बारे में कहा जाता है वे किसी के दबाव में काम नहीं करते लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने यह संदेश दे भी दिया था भले ही प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द्र सिंह लवली अपने साथियों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन बाबरिया नें किसी की नहीं सुनी और निर्णय नहीं बदला | बाबरिया की नजर अभी भी लवली के लवलियों पर है जो कांग्रेस में अहम पदों पर विराजमान है | समझ गए ना आप यानी कांग्रेस में लवली के नजदीकी लोग | उनका पत्ता कटना तय है इस पर हम बाद में चर्चा करेंगे आखिर कौन कौन हैं वे और उन्हें क्यों हटाया जाएगा | फिलहाल तो लोकसभा चुनावों के दौरान ब्लाक अध्यक्षों तथा जिला अध्यक्षों की गतिविधियों और उनकी परफोर्मेंस की समीक्षा का काम चल रहा है | दीपक बाबरिया अपनी टीम से सबकी रिपोर्ट ले रहे हैं और उसके बाद लापरवाह तथा गैरजिम्मेदार लोगो से पार्टी किनारा करेगी ताकि विधानसभा चुनावों में खामियाजा नहीं उठाना पड़े |

कांग्रेस सूत्रों का दावा है आधे से ज्यादा जिला अध्यक्ष तथा कहीं इससे ज्यादा ब्लाक अध्यक्ष बाबरिया की कसौटी पर खरे नहीं उतर रहे लिहाजा उनकी छुट्टी होनी तय है | संगठन के कार्यक्रमों की झूठी रिपोर्ट देने वाले ब्लॉक अध्यक्षों की सूची भी उनके पास मौजूद है | कोई भी जिला अध्यक्ष या पूर्व विधायक उन्हें गुमराह नहीं कर पायेगा | जहां तक प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष देवेन्द्र यादव का सवाल है उन्हें संगठन का खासा अनुभव है राजस्थान.उत्तराखंड के प्रभार तथा सह-प्रभारी रहे देवेन्द्र अभी भी पंजाब के प्रभारी है और वहां का परिणाम भी बेहतर रहा है | लिहाजा पार्टी उनके अनुभव का लाभ भी लेना चाहेगी | आज बस इतना ही …

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