आरपार की लड़ाई के मूड में है शशी यादव

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आरपार की लड़ाई के मूड में है शशी यादव

* सात जनवरी को रखी महा पंचायत
* निष्कासन को बताया पिछड़े वर्ग का अपमान

-अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली, अनुशासनहीनता के आरोप में भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित किये गए दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष शशि यादव ने अपने निष्कासन को चुनौती देने का निर्णय लिया है | इसके लिए उन्होंने अपने अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ने की हुंकार भरी है | शशी यादव से आसपास के गावों के बड़ी संख्या में लोग आज उनसे मिलने पहुचे थे तथा वे उन्हें अपने पूरे सहयोग का भरोसा दे रहे थे | इस मौके पर शशी यादव नें अपने सम्बोधन में कहा एक व्यक्ति गलत हो सकता है लेकिन पूरी पार्टी गलत नहीं हो सकती | उन्हें गलत तरीके से निष्कासित किया गया है |

यदि मैंने कोई अनुशानहीनता की थी तो मुझे नोटिस जारी करते ,जांच समिति बनाते लेकिन ऐसा नहीं किया गया |शशी यादव नें कहा वे पार्टी हाईकमान से लेकर जमीनी लड़ाई पूरी मजबूती के साथ लड़ेगें और असलियत जनता तथा पार्टी के सामने लायेगें | शशी यादव नें कहा आगामी सात जनवरी रविवार को उन्होंने इस बाबत महा पंचायत रखी है जिसमें दिल्ली देहात के अलावा अन्य क्षेत्रों के हजारों लोग शामिल होंगे |

शशी यादव कहते हैं पिछड़े वर्ग की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी के एक नेता नें पिछड़े वर्ग के लोगो के साथ क्या व्यवहार किया है ना केवल दिल्ली अपितु पूरे देश की जनता नें देखा है | शुरुवात उन्होंने की है और समापन हम करेंगे और समापन भी ऐसा होगा कि पूरी पार्टी देखेगी | उल्लेखनीय है कि कल मंगलवार को युवा मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारियों सहित कुछ जिला अध्यक्षों के नाम की सूची शशी यादव नें जारी की थी जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई | जिसे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा नें अनुशासनहीनता माना और शशी यादव को ना केवल पदमुक्त कर दिया अपितु उन्हें पार्टी से भी निष्कासित कर दिया |

शशी यादव नें इसे ना केवल अपना बल्कि पूरे यादव समाज तथा पिछड़े वर्ग का अपमान मानते हुए जमीनी स्तर पर लड़ाई लड़ने का आह्वान कर दिया है | मिली जानकारी के मुताबिक शशि यादव नें जो सूची जारी की थी उस सूची में कम से कम आधा दर्जन ऐसे नाम थे जिन्हें वीरन्द्र सचदेवा नें शामिल करने से मना किया था | लेकिन शशी यादव बतौर अध्यक्ष उन्हें अपनी टीम में रखना चाहते थे और उन्होंने वीरेन्द्र सचदेवा के निर्देशों की अवहेलना कर अपने पद की बली दे दी | इतना ही नहीं जो सूची शशि यादव नें जारी की थी उसे भी निरस्त कर दिया गया |

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