दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर Raghav Chadha बोले- ‘हमारी लड़ाई किसी घर की नहीं, संविधान बचाने की है’
राघव चड्ढा का दावा है कि राज्यसभा में मैंने दो भाषण दिए. पहले भाषण के बाद आधिकारिक आवास रद्द कर दिया गया और दूसरे भाषण के बाद सांसद के रूप में मेरी सदस्यता निलंबित कर दी गई.
आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने 17 अक्टूबर को कहा कि हमारी लड़ाई किसी घर या दुकान को बचाने की लड़ाई नहीं है, बल्कि भारत के संविधान को बचाने की लड़ाई है. राघव चड्ढा की यह प्रतिक्रिया दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) द्वारा उनके आधिकारिक आवास (Raghav Chadha Bungalow Row) के आवंटन को रद्द करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करने के बाद आई है. उन्होंने कहा कि, “मैं ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करने के लिए माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय को धन्यवाद देता हूं, जो मेरे खिलाफ था.”
उन्होंने आगे कहा, “यह पहली बार है कि किसी राज्यसभा सदस्य को इस तरह से निशाना बनाया गया है. अब तक मैंने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को जवाबदेह ठहराते हुए संसद में दो भाषण दिए हैं. मेरे पहले भाषण के बाद मेरा आधिकारिक आवास रद्द कर दिया गया था. मेरे दूसरे भाषण के बाद एक सांसद के रूप में मेरी सदस्यता निलंबित कर दी गई.” इसके अलावा, राघव चड्ढा ने आगे कहा कि उन्हें खुशी है कि अंत में सत्य और न्याय की जीत हुई.
पटियाला हाउस कोर्ट का आदेश रद्द
बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 अक्टूबर 2023 को पटियाला हाउस कोर्ट अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें राज्यसभा सचिवालय को चड्ढा को राष्ट्रीय राजधानी में उनके आधिकारिक आवास से बेदखल करने की इजाजत दी गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है. फिलहाल, कोर्ट ने ये भी कहा कि राघव चड्ढा को मौजूदा टाइप-7 सरकारी बंगला खाली नहीं करना होगा. इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अनुप जे भंभानी ने कहा कि राज्यसभा सचिवालय के खिलाफ निचली अदालत का पारित स्थगन आदेश बहाल रहेगा.