प्रधानमंत्री मोदी ने बांदीपुर बाघ अभयारण्य में जंगल ‘सफारी’ का लुफ्त उठाया

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक के बांदीपुर बाघ अभयारण्य में रविवार सुबह जंगल ‘सफारी’ का लुत्फ उठाया। वह ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के सिलसिले में चामराजनगर पहुंचे हैं। जंगल सफारी के दौरान मोदी ने धारीदार ‘सफारी’ वस्त्र और हैट धारण कर रखा था। बताया जाता है कि उन्होंने बाघ अभयारण्य में सफारी के दौरान करीब 20 किलोमीटर की दूरी तय की। बांदीपुर बाघ अभयारण्य आंशिक रूप से चामराजनगर जिले के गुंदलुपेट तालुका में और आंशिक रूप से मैसूरु जिले के एचडी कोटे और नंजनगुड तालुका में स्थित है। मोदी ने ट्वीट किया, “सुबह सुंदर बांदीपुर बाघ अभयारण्य में बिताई और भारत के वन्य जीवन, प्राकृतिक सुंदरता और विविधता की झलक देखी।”

मेलुकमनहल्ली हेलीपैड पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से बांदीपुर में वन विभाग के स्वागत केंद्र तक गए, जहां उन्होंने पास के एक वन शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अपर्ति की और फिर वन विभाग की जीप से सफारी के लिए रवाना हो गए। मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर सफारी की तस्वीरें साझा कीं, जिसमें उन्हें खुली जीप में खड़ा देखा जा सकता है और उनके पास कैमरा और दूरबीन है। उन्होंने हाथियों, लंगूरों, हिरण और बाइसन की तस्वीरें भी साझा कीं। राज्य के वन विभाग के मुताबिक, 19 फरवरी 1941 को एक सरकारी अधिसूचना के तहत स्थापित तत्कालीन वेणुगोपाल वन्यजीव उद्यान के वन क्षेत्र के अधिकांश हिस्से को लेकर एक राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था।विभाग के अनुसार, 1985 में इस राष्ट्रीय उद्यान का विस्तार किया गया, जिससे इसका क्षेत्र फल बढ़कर 874 वर्ग किलोमीटर हो गया और इसका नाम बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान रख दिया गया। 1973 में बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान को ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के तहत लाया गया। इसके बाद, कुछ निकटवर्ती आरक्षित वन क्षेत्रों को अभयारण्य में मिलाया गया। मौजूदा समय में बांदीपुरा बाघ अभयारण्य 912.04 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है।

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