Old Faridabad Railway Station: ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर निर्माण के दौरान हादसा, मिट्टी धंसने से दो महिला मजदूरों की मौत, दो अन्य सुरक्षित निकाले गए

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Old Faridabad Railway Station: ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर निर्माण के दौरान हादसा, मिट्टी धंसने से दो महिला मजदूरों की मौत, दो अन्य सुरक्षित निकाले गए

फरीदाबाद के ओल्ड रेलवे स्टेशन पर शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया जब निर्माणाधीन नई इमारत के काम के दौरान अचानक मिट्टी धंस गई। हादसे में चार मजदूर मिट्टी के नीचे दब गए, जिनमें से दो महिला मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक महिला और एक पुरुष मजदूर को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। इस हादसे ने न केवल मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि निर्माण स्थल पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी को भी उजागर किया है।

एसआई राजपाल ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि “ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर निर्माण कार्य चल रहा था, उसी दौरान मिट्टी अचानक धंस गई और चार मजदूर उसमें दब गए। राहत और बचाव दल ने तत्परता से कार्रवाई की और एक महिला व एक पुरुष मजदूर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। दुर्भाग्यवश, दो महिला मजदूरों की जान नहीं बचाई जा सकी।”

स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, घटना के समय निर्माण कार्य तेजी से चल रहा था, लेकिन सुरक्षा उपाय न के बराबर थे। न तो खुदाई के समय कोई दीवार या मिट्टी धंसाव रोकने की प्रणाली थी, न ही मजदूरों को कोई सुरक्षात्मक उपकरण दिए गए थे। हादसे के बाद मजदूरों में हड़कंप मच गया और मौके पर चीख-पुकार मच गई। अन्य मजदूरों ने तुरंत मिट्टी हटाने का प्रयास शुरू किया और प्रशासन को सूचना दी गई।

हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, दमकल विभाग और बचाव दल मौके पर पहुंच गए और तत्काल राहत कार्य शुरू किया गया। लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद दो मजदूरों को जीवित निकाल लिया गया, जबकि दो महिलाएं दम तोड़ चुकी थीं। मृतकों की पहचान फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है।

एसआई राजपाल ने यह भी स्पष्ट किया कि हादसे की जांच की जा रही है और यदि इसमें किसी की लापरवाही पाई गई, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि निर्माण स्थल पर पर्याप्त सुरक्षा उपाय मौजूद नहीं थे, जो इस घटना की एक बड़ी वजह बन सकती है।

इस घटना के बाद निर्माण स्थल पर काम को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है और पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, मजदूर संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

यह हादसा न केवल एक चेतावनी है, बल्कि एक गंभीर सवाल भी है – क्या हम मजदूरों की जान की कीमत समझ पा रहे हैं? क्या विकास की दौड़ में हम सुरक्षा को नजरअंदाज कर रहे हैं? जब तक निर्माण स्थलों पर सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता नहीं दी जाएगी, तब तक ऐसे हादसों को रोकना मुश्किल होगा।

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