बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर्नाटक में कांग्रेस के नेतृत्व में गठित नयी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के एक दिन बाद रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली के अपने समकक्ष अरविंद केजरीवाल के आवास पर उनसे मुलाकात की। नीतीश कुमार ने प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण के मुद्दे पर केंद्र के साथ जारी आम आदमी पार्टी सरकार की तनातनी के मामले में उन्हें अपने ‘‘पूर्ण समर्थन’’ का आश्वासन दिया। इस दौरान, बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव भी उनके साथ थे। केंद्र ने शुक्रवार को दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापना के लिए एक प्राधिकरण बनाने के वास्ते अध्यादेश जारी किया था। पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि मामलों को छोड़कर अन्य सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली की निर्वाचित सरकार को देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के एक सप्ताह बाद केंद्र का अध्यादेश आया।
बैठक के बाद केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि वह इस मामले में समर्थन लेने के लिए व्यक्तिगत रूप से सभी विपक्षी दलों के प्रमुखों से मिलेंगे, ताकि अध्यादेश की जगह लेने के लिए केंद्र द्वारा लाए जाने वाले किसी भी विधेयक को राज्यसभा में पारित होने से रोका जा सके। केजरीवाल ने कहा, ‘‘परसों मेरी कोलकाता में अपराह्न तीन बजे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक होगी। इसके बाद, मैं हर दल के अध्यक्ष से मुलाकात करूंगा और इस मामले में उनका औपचारिक समर्थन मांगूंगा ताकि अध्यादेश की जगह लेने के लिये लाए जाने वाले किसी भी विधेयक को राज्यसभा में पारित होने से रोका जा सके।’ दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने नीतीश कुमार जी से भी इस संबंध में सभी दलों से बात करने का अनुरोध किया है।’’ गौरतलब है कि एक अध्यादेश को छह महीने के भीतर संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि अगर विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो पाता है, तो यह संदेश जाएगा कि भाजपा 2024 का लोकसभा चुनाव हार जाएगी।