नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आज कहा कि हवाई यात्रा के दौरान मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य नहीं है, लेकिन कोरोना वायरस के मामलों की घटती संख्या के बीच यात्रियों को प्राथमिकता के तौर पर मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। अभी तक फ्लाइट में सफर के दौरान मास्क या फेस कवर का इस्तेमाल अनिवार्य था। मंत्रालय ने अनुसूचित एयरलाइनों को भेजे पत्र में कहा कि नवीनतम निर्णय कोविड-19 प्रबंधन प्रतिक्रिया के लिए सरकार की क्रमिक दृष्टिकोण की नीति के अनुरूप लिया गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 7,561 रह गई है, जो कुल मामलों का 0.02 प्रतिशत है। वहीं, मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.79 प्रतिशत है। देश में अभी तक कुल 4,41,28,580 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को हवाई यात्रा के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल की समीक्षा की। इसके बाद मास्क नियमों में बदलाव किया है। नए प्रोटोकॉल के तहत अब यात्रा के दौरान मास्क अनिवार्य नहीं होगा। हालांकि यात्रियों को मास्क लगाने की सलाह दी जाएगी। साथ ही मास्क नहीं पहनने पर किसी तरह के जुर्माने को भी खत्म कर दिया गया है। आदेश के मुताबिक एयरलाइंस अब यात्रियों को बताएंगी कि विमान में सवार होने पर मास्क पहनना व्यक्ति की ‘मर्जी’ पर निर्भर करेगा लेकिन अब यह अनिवार्य नहीं है। आदेश में आगे कहा गया है, ‘भारत सरकार की कोविड-19 प्रबंधन प्रतिक्रिया नीति के अनुरूप, फ्लाइट के अंदर केवल यह कह सकते हैं कि कोविड-19 से उत्पन्न खतरे के मद्देनजर, सभी यात्रियों को बेहतर होगा कि मास्क या फेस कवर का इस्तेमाल करें।” इसमें आगे कहा गया है कि फ्लाइट के अंदर अब मास्क न पहनने पर जुर्माना या दंडात्मक कार्रवाई आदि के बारे में घोषणा करने की आवश्यकता नहीं है। नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में सक्रिय कोरोना वायरस मामलों की कुल संख्या कुल संक्रमणों का केवल 0.02 प्रतिशत थी और रिकवरी दर बढ़कर 98.79 प्रतिशत हो गई। बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,41,28,580 हो गई और मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत दर्ज की गई।