वायुसेना ने देश में विकसित हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर को आज औपचारिक रूप से अपने बेड़े में शामिल कर लिया है। इससे वायुसेना की ताकत में भारी इजाफा हुआ है। ये हेलिकॉप्टर कई मिसाइलों और अन्य हथियारों को दागने में सक्षम है। इस हेलिकॉप्टर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने विकसित किया है। 10 लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर्स का ये पहले बैच वायुसेना में शामिल हो गया है। विमानों का यह बेड़ा भारतीय फोर्स की ताकत को न सिर्फ बढ़ाएगा, बल्कि पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर दुश्मन का खात्मा करने में भी सक्षम होगा। हल्के वजन वाले इन विमानों की मदद से सेना सीमाओं पर आसानी से मिसाइल और अन्य हथियारों को ले जा सकेगी और दुश्मन का पलभर में खात्मा कर सकेगी। इन विमानों को खास ऊंचाई वाले इलाकों में खास ऑपरेशन के लिए बनाया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में जोधपुर में विमानों का यह बेड़ा वायुसेना में शामिल हो गया। इन खास किस्म के विमानों को एयरोस्पेस प्रमुख हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। इस मौके पर रक्षा मंत्री ने कहा कि इस एलसीएच का नाम लाइट जरूर है लेकिन काम हैवी है। मुझे बताया गया, कि LCH का डिजायन और डेवलपमेंट आधुनिक युद्धक्षेत्र की जरूरतों के अनुरूप किया गया है। अपने विकास के चरण में अनेक प्रकार की टेस्टिंग में इसने तमाम चुनौतियों से निपटने में अपनी योग्यता दिखाई है। उन्होंने कहा कि साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान, इसकी जरूरत को गंभीरतापूर्वक महसूस किया गया। दो दशकों की रिसर्च और डेवलपमेंट की प्रतिफल है एलसीएच। भारतीय वायुसेना में इसका शामिल होना एक मील का पत्थर साबित होने वाला है।