झूठी घोषणाएं करने में केजरीवाल का कोई सानी नहीं : विनोद जायस
* भ्रष्टाचार के सिवा इनका कोई काम नही
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : हिंदुस्तान की राजनीति में झूठ बोलने,आरोप लगाने तथा फर्जी घोषणा करने में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल टॉप पर है | फर्जीवाड़े में उनका दूसरा कोई मुकाबला नहीं कर सकता | यह कहना है भारतीय जनता पार्टी उत्तर पूर्वी जिले के उपाध्यक्ष ठाकुर विनोद जायस का | विनोद जायस कहते हैं अरविन्द केजरीवाल नें जो काम अपने 11 साल के शासन में नहीं किये उनकी झूठी घोषणाएं वे अब दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक होने की वजह से कर दिल्ली की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन दिल्ली की जनता अब उनके झांसे में नहीं आने वाली और आने वाले विधानसभा चुनाव में दिल्ली के लोग उन्हें करार जवाब देते हुए हमेशा के लिए सत्ता से विदा कर देंगें |
विनोद जायस कहते हैं कोरोना काल में जब लाशों का अंबार लगा था, क्रियाकर्म के लिए लंबी लाईने लगी थी, लोग ऑक्सीजन और आईसीयू के लिए तरस रहे थे, उस वक्त अरविन्द केजरीवाल शीश महल पर करोड़ों खर्च कर रहे थे | उस दौर में भाजपा वर्कर ही जनसेवा में जुटे थे | उन्होंने कहा कि दस साल बीतने के बाद जनलोकपाल लागू नही किया जबकि जनलोकपाल लागू करने के नाम पर सत्ता में आए थे। और लोकपाल को पंजाब में क्यों लागू नही कर रहे वहां तो पूर्ण स्वायत्तता है।
विनोद जायस ने कहा कि मुफ्त बिजली और पानी के नाम पर 40 प्रतिशत बिजली के बिल बढ़े और 44 प्रतिशत घरों में गंदा पानी। 71000 करोड़ रुपये जल बोर्ड को मिलने के बाद भी दिल्ली साफ पानी को तरसी। भ्रष्टाचार के सिवाय इनका कोई काम नही है। उन्होंने कहा कि लंदन पैरिस बनाने का वादा कर प्रदूषण में नम्बर वन बना दिया, 213 फीट कचरे के पहाड़ खड़े है और 500 कि0मी0 टूटी सड़के पड़ी है। यमुना को नाला बना दिया जहां प्रदूषित जल से पानी नही झाग दिखाई देते है और 10 साल में यमुना की सफाई करने में विफल रहे। विनोद जायस ने कहा कि केजरीवाल के स्वास्थ्य मॉडल में 30 प्रतिशत डाक्टर्स नही है। 14 अस्पतालां में निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके लिए 10250 करोड़ की जरुरत है, जबकि बजट एलोकेशन 372 करोड़ हुआ है अगर इसी तरह चला तो अस्पतालों का निर्माण पूरा होने में 30 वर्ष लगेंगे, जबकि मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था चलाने के लिए 8000 करोड़ चाहिए। उन्होंने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल के रिनोवशन के नाम पर 659 करोड़ गायब है। शिक्षा मॉडल में 56 हजार ईडब्लूएस सीटे खाली पड़ी है, प्रीसिंपल नही, 45 हजार अध्यापको की कमी के चल रहे स्कूलों में छात्रों का भविष्य बर्बाद हो रहा है, और एक क्लास रुम बनाने में लाखों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ।