भारत के महान कप्तान कपिल देव ने ICC से गुहार लगा है कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल को वनडे और टेस्ट क्रिकेट को बचाने के बारे में सोचना होगा, नहीं तो क्रिकेट भी फुटबॉल जैसा खेल होगा। उन्होंने आज कल बढ़ रही T20 प्रतिस्पर्धा के विकास के बीच में आईसीसी से वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट और टेस्ट क्रिकेट के प्रारूपों की रक्षा करने के लिए कदम उठाने को कहा है। बढ़ती टी20 लीग और क्रिकेट का असर भी दिखने लगा है। कुछ खिलाड़ियों ने हाल ही में व्यस्त क्रिकेट शेड्यूल का हवाला देकर अचानक वनडे क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। इसमें बेन स्टोक्स जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। वहीं, दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2023 में होने वाली वनडे सीरीज सिर्फ इसलिए कैंसिल कर दी, क्योंकि उसकी तारीख क्रिकेट साउथ अफ्रीका की प्रस्तावित टी20 लीग से टकरा रही थी। आईसीसी ने खिलाड़ियों के कार्यभार को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए घरेलू और द्विपक्षीय क्रिकेट के बीच संतुलन खोजने के लिए संबंधित क्रिकेट बोर्डों पर छोड़ा है, लेकिन कपिल देव ने कहा कि खेल का प्रबंधन करने के लिए आईसीसी की जिम्मेदारी है। कपिल देव ने आज सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड को बताया, “यह यूरोप में फुटबॉल की तरह चल रहा है। वे प्रत्येक देश के खिलाफ नहीं खेलते हैं। यह चार साल में एक बार होता है।” इसके अलावा कपिल देव ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बताया क्या हम विश्वकप और बाकी समय फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने वाले हैं। क्या देश के और विश्व के बेस्ट क्रिकेटर सिर्फ फ्रेंचाइजी क्रिकेट में खेलेंगे? इस हिसाब से तो टेस्ट और वनडे क्रिकेट का रोमांच ही खत्म हो जाएगा। यहां पर आईसीसी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी और उन्हें देखना चाहिए कि वह कैसे वनडे और टेस्ट क्रिकेट के अस्तित्व को सुरक्षित कर सकते हैं।