चक्रव्यूह में फंसी आतिशी के लिए आसान नहीं है कालका जी
* कड़े संघर्ष में फंसी मुख्यमंत्री
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,किसी भी स्टेट के विधानसभा चुनाव में सी.एम.की सीट सबसे हॉट मानी जाती है बावजूद इसके राजधानी दिल्ली में नई दिल्ली सीट सबसे हॉट बनी हुई है लेकिन सी.एम. आतिशी की सीट भी कम हॉट नहीं है | और हो भी क्यों न सी.एम.के साथ-साथ भाजपा के तेज तर्रार नेता जो हमेशा हॉट रहते है रमेश विधूड़ी जिनका नाम है भी इसी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में है और इसी तरह से कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता जो यहाँ से कांग्रेस की तरफ से मैदाने जंग में है |
अब तो आप समझ ही गए होंगे बन गई ना कई एंगल से दिल्ली की हॉट सीट कालका जी | अब आपको थोडा पिछला रिकार्ड बता देतें हैं पिछला विधानसभा चुनाव आतिशी यहाँ से 55 हजार 897 वोट लेते हुए भाजपा के धर्मबीर से 11 हजार393 के अन्तराल से जीती थी जबकि कांग्रेस की शिवानी चोपड़ा को महज चार हजार 965 वोट ही मिले थे | इस बार ना तो धर्मबीर हैं और ना ही शिवानी चोपड़ा यानी भाजपा और कांग्रेस नें अपने सशक्त उम्मीदवार उतारे हैं और दोनों ही आतिशी की टक्कर के चर्चित भी हैं | रमेश विधूड़ी विवादस्पद टिप्पणियों के लिए देश भर में चर्चा का विषय बनते रहे हैं तो अलका लांबा भी एक प्रखर वक्ता के रूप में देशव्यापी पहचान बना चुकी है |
यह बात अलग है आतिशी जब पिछला चुनाव लड़ी थी तो मुख्यमंत्री नहीं थी लेकिन इस बार वे मुख्यमंत्री होते हुए जंग में है | वोटर यह अच्छे से जानते हैं वे किन हालत में सी.एम,बनी थी और उन्होंने खुद ही अपने आपको खड़ाऊँ सी.एम घोषित किया था | यह बात अलग है कई मौकों पर दिल्ली के लाट साहब नें खुले मन से उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए उन्हें एक काबिल मुख्यमंत्री तक कह डाला था | अब आप ही सोचिये खुद को दुनिया का सर्वश्रेष्ट सी.एम .समझने वाले अरविंद को यह बात कैसे हजम हो सकती है कि उनकी अपनी पार्टी में ही कोई उनसे भी श्रेष्ठ है | हमारा मानना है आतिशी को जितनी शक्ति के साथ चुनावी जंग में होना चाहिए था वह दिखाई नहीं दे रहा | वे केवल अपनी सीट तक ही सीमित रह गई हैं जबकि एक सी.एम.को तो पूरी स्टेट देखनी होती है | उनके प्रचार में भी वह धार नहीं दिखाई दे रही जो जो अन्य धुरंधरों के प्रचार में देखने को मिल रही है | वहीं रमेश विधूड़ी नें पूरे क्षेत्र में धुवाँ काट रखा है और अलका भी हल्के में नहीं है अलका की मजबूती भी आतिशी पर भारी पड़ेगी इस सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता | पिछले सात चुनावों में यहाँ से कांग्रेस तीन ,भाजपा दो तो दो ही आप पार्टी जीत चुकी है | कुल मिलाकर यह चुनाव बेहद रोमांचक होने वाला है लेकिन हम इतना जरुर कहना चाहेगें आसान नहीं है आतिशी की डगर | आज बस इतना ही …