‘भारत अब हमारे तेवर देखेगा. 17 फरवरी 2025 को नई दिल्ली में जब बैठक होगी तब हम बांग्लादेश के हितों से जुड़े मुद्दे पूरी ताकत के साथ पड़ोसी देश के सामने रखेंगे. क्रॉस बॉर्डर तस्करी हो या सीमा पर बीएसएफ के जवानों की गोली से हमारे नागरिकों की हत्या…. हम तल्ख लहजे में भारत से कहेंगे कि ये अब बर्दाश्त नहीं होगा.’ यह बयान है बांग्लादेश के होम एडवाइजर मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी का.
भारत के साथ सटी सीमा को लेकर बांग्लादेश और भारत के बीच सम्मेलन होने जा रहा है, जिसमें वह ये मुद्दे उठाएगा. ये दोनों देशों के बीच डायरेक्टर जनरल लेवल की 55वीं कॉन्फ्रेंस है. इसमें बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) शामिल होंगे. यूनुस सरकार में गृह मामलों के सलाहकार मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने कहा है कि बीजीबी और बीएसएफ की कॉन्फ्रेंस में बांग्लादेश सख्त रवैया अपनाएगा और उन तमाम मुद्दों को भारत के सामने रखेगा, जिनसे उसको दिक्कत है.
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार यह चार दिवसीय कॉन्फ्रेंस 17 फरवरी को नई दिल्ली में होने जा रही है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस बार भारत के साथ बातचीत का हमारा लहजा अलग होगा. उन्होंने सीमा पर बीएसएफ की गोलीबारी में निहत्थे बांग्लादेशी नागरिकों की हत्याओं का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि वह सीमा पर गोलीबारी रोकने पर चर्चा करेंगे और गोलीबारी में हो रही हत्याओं का मुद्दा भी भारत के सामने रखेंगे कि इसके लिए प्रभावी कदम उठाएं.
जहांगीर आलम चौधरी ने यह भी आरोप लगा दिया कि बड़ी मात्रा में क्रॉस बॉर्डर ड्रग ट्रैफिकिंग की जा रही है. उन्होंने कहा, ‘वे फेंसेडिल (Phensedyl) का निर्माण कर इसकी बांग्लादेश में तस्करी कर रहे हैं. वे दावा करते हैं कि ये दवा के रूप में बनाया जाता है, लेकिन वास्तव में यह ड्रग्स है. भारत से इस पर ध्यान देने और इसे रोकने के लिए उचित कदम उठाने के लिए बात करेंगे.’ इतना ही नहीं उनका यह भी कहना है कि जीरो लाइन के पास 150 गज जमीन पर कंटीले तारों की बाड़ लगाने के भारत के कदम पर भी वह चर्चा करेंगे क्योंकि सीमा पर किसी भी तरह के डेवलपमेंट के लिए दोनों देशों के बीच सहमति होना जरूरी है.
जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि सीमा पर 92 जगहों पर फेंसिंग की जा रही है. हालांकि, बांग्लादेश की आपत्ति के बाद इस पर काम रोक दिया गया है. उन्होंने कहा कि सीमा से 150 गज के भीतर किसी भी गतिविधि के लिए दोनों देशों की आपसी स्वीकृति आवश्यक होती है और किसी भी पक्ष के लिए एकतरफा कार्रवाई की कोई गुंजाइश नहीं है.
जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि अगर किसी विकास परियोजना के तहत मस्जिद या मंदिर का निर्माण किया जाना हो, तो दोनों देशों की सहमति अनिवार्य होगी. भविष्य में इस सहमति को सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘सीमा उल्लंघन, अवैध प्रवेश और घुसपैठ को रोकने के उपायों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. साथ ही, भारत से बांग्लादेश में अवैध मादक पदार्थों जैसे फेंसिडिल, हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटकों की तस्करी को रोकने को प्राथमिकता दी जाएगी.’
जहांगीर आलम चौधरी का यह भी कहना है कि वह दोनों देशों के बीच हुई ट्रीटी के तहत नदी के पानी के बराबर बंटवारे पर चर्चा करेंगे. मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के कार्यकाल में भारत के साथ हुई सभी ‘असमान संधियों’ पर चर्चा की जाएगी. जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि नदियों के पानी के बराबर बंटवारे, जल समझौतों को लागू करने और रहीमपुर नहर के मुहाने को फिर से खोलने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी.
सलाहकार ने कहा कि अगरतला के जरिए भारत का इंडस्ट्रियल कचरा बांग्लादेश में आता है, जो पर्यावरण समझौते का उल्लंघन है. दिल्ली में होने जा रही कॉन्फ्रेंस में इस बात पर भी चर्चा की जाएगी कि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने के लिए फैलाई जा रही झूठी खबरों को कैसे रोका जाए.