पद छोड़ा है तो शीश महल भी छोड़ना पड़ेगा : दर्शन सिंह

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दर्शन सिंह
पद छोड़ा है तो शीश महल भी छोड़ना पड़ेगा : दर्शन सिंह

पद छोड़ा है तो शीश महल भी छोड़ना पड़ेगा : दर्शन सिंह

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : अरविन्द केजरीवाल से बड़ा नाटकबाज देश की राजनीती में कोई और नहीं हो सकता | यह कहना है भारतीय जनता पार्टी नवीन शाहदरा जिले के वरिष्ठ नेता पूर्व जिला उपाध्यक्ष दर्शन सिंह का | दर्शन सिंह कहते है पूरा देश जानता है कितनी छिछिलेदार होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जब अरविन्द केजरीवाल को शक्तिविहीन करने के आदेश दिए गए उसके बाद उन्होंने मजबूरी में अपने पद से ईस्तीफा दिया है | लेकिन खुद को आदर्शवादी मानते हुए अपनी तुलना भगत सिंह जी से करते है |

यदि नैतिकता की बात थी तो उन्हें अपनी गिरफ्तारी के तुरंत बाद इस्तीफ़ा दे देना चाहिए था | लेकिन उनकी रग-रग में सियासत भरी है और हर मुद्दे पर लोगो को गुमराह करने की उनकी आदत सी बन गई है | दर्शन सिंह कहते है कि यह आश्चर्यजनक है कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह कहते हैं कि केजरीवाल अपना घर और सुरक्षा छोड़कर आम आदमी की तरह जनता के बीच रहेंगे और राघव चढडा अरविन्द केजरीवाल के लिए पार्टी कन्वीनर होने के नाते उनके लिए दिल्ली में सरकारी आवास की मांग कर रहे है। शायद आप पार्टी के नेता लक्ष्य हीन उद्देश्य के कारण प्रतिदिन अपने वक्तव्यों को बदलकर बोल रहे है।

दर्शन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय पार्टियों के अध्यक्षों को आवास आवंटित नही करती बल्कि राष्ट्रीय पार्टी को कार्यालय के लिए बंगला आवंटित किया जाता है। आम आदमी पार्टी द्वारा अरविन्द केजरीवाल के लिए सरकारी आवास की मांग करना गैर संवैधानिक है, जिसका लोकतंत्र में कोई प्रावधान नहीं है। अरविन्द केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है तो शीश महल खाली करना ही होगा, उन्हें विलासिता की जिंदगी को त्याग कर अपने कथन अनुसार आम जनता के बीच रहना होगा दर्शन सिंह ने कहा कि केजरीवाल मध्य दिल्ली के सरकारी आवास में रहकर पर्दे पीछे से दिल्ली सरकार की सरकार चलाने की तैयारी कर रहे है, क्योंकि यह सभी जानते है कि आतिशी केजरीवाल की कठपुतली बनकर काम करेंगी।

दर्शन सिंह ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल के चरित्र को महान बनाने के लिए नैतिकता और मर्यादा की दुहाई देने वाले नेता बताएं कि जब उनके अनुसार पार्षद 5 वर्ष में कमा लेता है तो अरविन्द केजरीवाल कैसे अछूते रहे और जिस शराब घोटाले को रुपरेखा देने के मामले में वो जेल गए उसमें कितना कमाया है, उस पर राघव चढडा रोशनी क्यों नही डाल रहे। मैं बताना चाहता हूॅ कि ईमानदार केजरीवाल पर 2013 में नामांकन दाखिल करते वक्त उन पर 3 अपराधिक मामले दर्ज थे, 2015 में 10 हो गए और 2020 में नामांकन दाखिल करते वक्त उन पर 13 अपराधिक मामले दर्ज थे और शराब घोटाले में मुखिया की भागीदारी होना क्या उनकी ईमानदारी का सबसे बड़ा सबूत है

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