गुलाम नबी आजाद ने आज कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफे की चिट्ठी पांच पन्ने की है। हाल ही में उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पार्टी के अहम पद से भी इस्तीफा दिया था। खास बात है कि 2020 में ही उन्होंने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, जिसमें संगठन स्तर पर बड़े बदलाव की मांग की गई थी। उस दौरान कांग्रेस की भीतर ही G-23 समूह चर्चा में आया था, जिसमें आनंद शर्मा, मनीष तिवारी समेत कई नेता शामिल थे। आपको बता दें कि हाल ही में उन्होंने जम्मू-कश्मीर में प्रचार कमेटी का चेयरमैन बनाए जाने के मात्र दो घंटे बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसा कहा जाता है कि आजाद कमेटियों के गठन को लेकर खुश नहीं थे। उनका कहना था कि कमेटियां बनाते समय उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। बताया जा रहा है कि आजाद पहले ही हाईकमान को कह चुके थे कि वह जम्मू-कश्मीर की कोई जिम्मेदारी नहीं संभालेंगे। हालांकि पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। कई मुद्दों को लेकर गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के मतभेद आते रहे हैं। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस में कई पदों पर रहे। इस समय जब कांग्रेस देश में महंगाई, बेरोजगारी जैसे मसलों के खिलाफ लड़ रही है तो संघर्ष के समय गुलाम नबी आजाद हमलोग को छोड़ कर जा रहे हैं। यह दुख की बात है कि गुलाम नबी आजाद विपक्ष की आवाज नहीं बन पाए।