गांधी नगर कर्मभूमि रही है अरविन्दर सिंह लवली की

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अरविन्दर सिंह लवली
गांधी नगर कर्मभूमि रही है अरविन्दर सिंह लवली की

गांधी नगर कर्मभूमि रही है अरविन्दर सिंह लवली की

* जनता भी करती है प्यार

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,अरविन्दर सिंह लवली का नाम केवल गांधी नगर तक सीमित नहीं है दिल्ली के आला नेताओं में होती ही उनकी गिनती | शीला दीक्षित सरकार में तो गिनती ही उनके नाम से शुरू होती थी | जी हाँ हम बिल्कुल ठीक कह रहे हैं आज भाजपा में भी लवली तकरीबन उसी पोजीशन में पहुंच चुके है और आने वाले दिनों में और मजबूती के साथ ना केवल दिल्ली अपितु देश के लोग देखेंगे उनकी पोजीशन | समझ गए ना आप हमारा ईशारा ,जमीनी नेता तो हैं ही लवली, व्यवहार में भी लवली हैं लवली, जिस से भी एक बार उनकी मुलाकात हो जाती है उसके भी लवली हो जाते हैं | हमारा लवली जी से कॉलेज समय से परिचय है , लम्बे समय तक हमने उनके साथ छात्र राजनीति की है | आज हम केवल गांधी नगर की बात करते हैं अरविंदर लवली गांधी नगर से छह बार विधानसभा का चुनाव लड़े हैं जिनमे से पांच बार विजयी रहें है केवल एक बार यानी पिछली बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था | पिछले चुनाव में कांग्रेस की ओर से मैदान में थे उन्हें 21 हजार 913 वोट मिले थे जबकि आम आदमी पार्टी के नवीन चौधरी को 42 हजार 785 , वहीं भाजपा से विजेता रहे अनिल वाजपेयी को 48 हजार 824 मत मिले थे |

इस चुनाव में लवली को पिछले चुनाव में मिले भाजपा के वोट से कहीं ज्यादा वोट मिले इन्हें कुल 56 हजार 858 तो आप पार्टी के नवीन चौधरी को पिछले चुनाव से कुछ कम 44 हजार 110 मत मिले जबकि कांग्रेस के कमल अरोड़ा को 3 हजार 453 मत ही मिल सके | कांग्रेस के प्रत्याशी को कमजोर देख लग रहा था उसका लाभ आम आदमी पार्टी को मिलेगा लेकिन लवली की जमीनी पकड़ नें तमाम समीकरण बदलते हुए 12 हजार 748 के मार्जन से यह सीट जीत तमाम कयासों पर विराम लगा दिया | आपको याद दिला दें पिछला चुनाव भाजपा के अनिल वाजपेयी गांधी नगर से 6 हजार 39 वोट से जीते थे यानी इस बार भाजपा की जीत दोगुने से भी ज्यादा मार्जन से हुई |

दरअसल लवली के पास कार्यकर्ताओं की जबर्दस्त टीम है जो बूथ लेवल पर उतर मेहनत करती है एक-एक बूथ पर वरिष्ठ नेताओं के नेत्रत्व में उनकी टीम काम करती है दूसरे शब्दों में बूथ मैनजमेंट में उनका कोई सानी नहीं है | इसके अलावा भाजपा का कर्मठ कैडर उनके मार्जन को डबल करनें में कामयाब रहा | लवली के बारे में एक बात और वे किसी का किया हुआ नहीं भूलते यानी अपने समर्थकों का साथ किसी भी हद तक देते हैं ,उनके लिए लड़ते हैं और जीतते हैं | आज बस इतना ही …

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