दिल्ली अध्यादेश बिल पर राज्यसभा में पूर्व CJI रंजन गोगोई बोले, ‘अगर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है तो…’
राज्यसभा सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि संविधान में सरकार को इस बात का अधिकार है कि इस तरह का बिल ला सकते हैं.
राज्यसभा में सोमवार (7 अगस्त) को दिल्ली सेवा वाले बिल पर चर्चा के दौरान सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) ने बिल का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि मेरे लिए बिल सही है. किसी के लिए गलत हो सकता है. सदस्य पार्टी के हिसाब से अपना मत रखते हैं.
उन्होंने कहा कि यह कहना गलत कि यह मामला कोर्ट में लंबित है और इस पर सदन में बिल नहीं आ सकता. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जो लंबित है वह अध्यादेश की वैधता है, और दो प्रश्न संविधान पीठ को भेजे गए हैं और इसका सदन में बहस से कोई लेना-देना नहीं है. गोगोई ने कहा कि विधेयक पूरी तरह से वैध है.
रंजन गोगोई ने और क्या कहा?
रंजन गोगोई ने कहा कि केंद्र का अध्यादेश आज जिस स्थिति में है, उसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अतिक्रमण नहीं कहा जा सकता. संसद के पास दिल्ली जैसे केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कानून बनाने का अधिकार है.
लोकसभा से पारित हो चुका है बिल
मई में केंद्र ने ये अध्यादेश जारी किया था जिससे सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का कोई प्रभाव नहीं रहेगा जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन में सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को दिया गया था. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 गुरुवार को लोकसभा से पारित हो गया था.
ये बिल दिल्ली में अधिकारियों के तबादलों और तैनाती के संबंध में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा. दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार इसका विरोध कर रही है. आप समेत विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया) के बाकी दलों ने संसद में इसका विरोध किया है.