महिलाओं में शुरू हुई महिला समृद्धि योजना पर चर्चा

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महिला समृद्धि योजना
महिलाओं में शुरू हुई महिला समृद्धि योजना पर चर्चा

महिलाओं में शुरू हुई महिला समृद्धि योजना पर चर्चा

ज्यादातर मान रही हैं नहीं मिलेगा उन्हें फायदा

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नें भले ही महिला समृद्धि योजना को मंजूरी दे दी है और इस योजना के लिए 51 सौ करोड़ रूपये जारी करने की घोषणा भी की गई है | बावजूद इसके विपक्ष अपने -अपने तरीके से जनता को सरकार की मंशा समझाने में लगा है वहीं सत्तापक्ष गारंटी पूरी करने का दम्भ भर रहा है लेकिन दिल्ली की जनता और खासतौर से बड़ी तादाद में महिलाओं को यह घोषणा केवल आईवास के अलावा कुछ भी नहीं लग रही | ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि दिल्ली के तमाम चौराहों पर ना केवल महिलाएं अपितु आम लोग भी इस चर्चा में भाग ले रहे हैं |

आपको याद दिला दें सबसे पहले आम आदमी पार्टी नें घोषणा की थी यदि सत्ता में उनकी वापसी होती है तो पहली कैबनेट की बैठक में ही निर्णय लिया जाएगा कि महिलाओं के खाते में 21 सौ -21 सौ रूपये डालें जायेगें | इसके बाद कांग्रेस नें भी घोषणा की यदि उनकी सरकार बनती है तो महिलाओं के खाते में 25 सौ-25 सौ रूपये डाले जायेगें | चंद दिनों बाद भाजपा भी उसी रास्ते पर चली और बाकायदा प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी नें अपनी जनसभाओं में मोदी की गारंटी बताते हुए भाजपा की सरकार बनने के बाद महिलाओं के खातों में 25 सौ -25 सौ रूपये डलवाने की गारंटी दी |

दिल्ली की जनता नें प्रधानमन्त्री मोदी की गारंटी पर भरोसा जताते हुए अन्य गारंटियों के साथ इस गारंटी पर भी भरोसा किया,और दिल्ली की सत्ता की बागडौर भाजपा को सौंप दी | भाजपा सरकार नें पहली बैठक में तो नहीं लेकिन समय रहते ही यह फैंसला ले लिया यह बात अलग है कि महिलाओं के खातों को राशी मिलने का इन्तजार ही रहा | इतना ही नहीं राशि के खातों में पहुंचने के लिए शर्तें तय करने के लिए एक समिति भी बना दी गई | वे क्या नियम होंगे और गरीबी रेखा कैसे निधारित होगी की चर्चा जनता के बीच चल रही है जिसके तहत बी.पी.एल.कार्ड धारकों को ही इसमें पंजीकरण के लिए अधिकृत किया जाएगा | आपको याद दिला दें राजधानी दिल्ली में बी.पी.एल.कार्ड धारकों की संख्या बेहद कम है जिसकी वजह पिछले लम्बे समय से राशन कार्डों का नहीं बनना है इतना ही नहीं जब ये कार्ड बनते भी थे तो बिना जुगाड़ के नहीं बनते थे जिस्के लिये लोगो को दलालों ,राशन दुकानदारों तथा सत्ताधरी लोगो के टच के लोगो से मिलना पड़ता था |

अब तो आप समझ ही गए होंगे कितने लोगो को इस गारंटी का लाभ मिल सकेगा | इस तरह की शर्तों की खबर सुनने के बाद महिलाओं का चिंतित होना वाजिब है | अब लोग चर्चा कर रहे हैं वोट मांगते समय किसी भी पार्टी नें इस तरह की शर्ते नहीं बताई थी और ना ही इस योजना के लिए कोई आयु सीमा तय की थी | दावे भले ही कुछ भी किये जा रहे हों लेकिन जब नियम सामने आएगें और राशी महिलाओं के खातों में आयेगीं तभी पता चलेगा कितनी महिलाओं को इस योजना का फायदा मिला है और किसकी गारंटी में कितना दम था | आज बस इतना ही …

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