दिल्ली उच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न की शिकार 13-वर्षीया नाबालिग को 24 सप्ताह का गर्भ समाप्त करने की अनुमति दी

0
66

यौन उत्पीड़न की शिकार 13-वर्षीया नाबालिग को 24 सप्ताह का गर्भ समाप्त करने की कोर्ट ने दी अनुमति

न्यायाधीश ने उसकी याचिका को स्वीकार करते हुए दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को लागू नीति के अनुरूप याचिकाकर्ता को मुआवजा देने के मुद्दे पर विचार करने के लिए भी कहा.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न की शिकार 13-वर्षीया नाबालिग लड़की को 24 सप्ताह से अधिक के गर्भ को चिकित्सीय रूप से समाप्त कराने की सोमवार को अनुमति दे दी. न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने नाबालिग लड़की की जांच करने वाले मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद यह आदेश पारित किया. जनवरी में यौन-उत्पीड़न की शिकार हुई नाबालिग लड़की ने पंजीकृत चिकित्सकों की मदद से भ्रूण समाप्त करने की अनुमति के लिए पिछले सप्ताह उच्च न्यायालय का रुख किया था.

पीड़िता के माता-पिता ने गर्भपात के लिए दी सहमति

न्यायाधीश ने उसकी याचिका को स्वीकार करते हुए दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को लागू नीति के अनुरूप याचिकाकर्ता को मुआवजा देने के मुद्दे पर विचार करने के लिए भी कहा. पीड़िता के माता-पिता ने गर्भपात के लिए सहमति दी है और कहा है कि गर्भावस्था को जारी रखने से उनकी बेटी को गंभीर शारीरिक और मानसिक क्षति पहुंचेगी.

अदालत को सूचित किया गया कि यौन उत्पीड़न की घटना के बाद याचिकाकर्ता को मध्य प्रदेश में उसके मूल निवास स्थान पर ले जाया गया और बाद में वह लगभग 24 सप्ताह की गर्भवती पाई गई. यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वह (पीड़िता) इस समय गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उसकी हालत बहुत गंभीर है. उच्च न्यायालय ने नौ जून को गुरु तेग बहादुर अस्पताल के कम से कम दो चिकित्सकों वाले एक मेडिकल बोर्ड को पीड़िता के मामले की समीक्षा करने और अपनी राय देने का निर्देश दिया था.

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here