आप और भाजपा की खींचतान में दिल्ली बनी रेगिस्तान : हाजी जरीफ
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी के बीच गहराए जल संकट का समाधान करने के लिए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव के आह्वान पर अनेक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर मटके फोड़ कांगेस कार्यकर्ताओं नें विरोध जताया | इसी कड़ी के तहत बाबरपुर विधानसभा के कबीर बगर वार्ड में भी स्थानीय निगम पार्षद हाजी जरीफ के नेत्रत्व में प्रदर्शन कर मटके फोड़े गए |
इस दौरान केंद्र व दिल्ली सरकार की लापरवाही के कारण बूंद-बूंद को तरस रहे दिल्ली वासियों की समस्या पर सभी ने रोष व्यक्त किया। निगम पार्षद हाजी जरीफ नें कहा भाजपा और आप की लड़ाई के बीच दिल्ली रेगिस्तान बन चुकी है, जहाँ एक-एक बूँद पानी को दिल्लीवासी तरस रहे हैं।”जब तक दिल्ली के लोगों को पानी नहीं मिलेगा कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी”।
हाजी जरीफ नें कहा ने कहा कि केन्द्र और दिल्ली की सरकार को जल संकट को दूर करने के लिए प्राथमिकता के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हिमाचल सरकार दिल्ली के लिए पानी छोड़ने के लिए तैयार परंतु भाजपा की हरियाणा सरकार आपसी राजनीति के चलते दिल्लीवासियों के लिए पानी पहले से ही नही आने दे रही है तब कैसे हिमाचल प्रदेश की सरकार द्वारा छोड़े जाने वाला पानी दिल्ली मिलेगा। उन्होंने कहा कि क्यों दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली के लोगों को जल संकट से राहत देने के लिए समय रहते तुरंत कार्यवाही नही की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम में दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को पूर्ण बहुमत दिया है इसलिए जल संकट से निपटने की उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है, जिसमें वो पूरी तरह विफल रही है।
हाजी जरीफ ने कहा कि दिल्ली सरकार की नाकामी के कारण दिल्ली की जनता को पर्याप्त मात्रा में पानी नही मिल रहा है और दिल्लीवासियों को जो पानी मिल रहा है वो भी नलों तक गंदा पानी आ रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पानी के 58 प्रतिशत लीकेज के कारण जल माफिया राजधानी में पानी की आपूर्ति में बाधा डालने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पानी माफिया की सक्रियता में भागीदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि दिल्ली की सरकार ने समय रहते यमुना में घटते जल स्तर पर ध्यान क्यों नही दिया? जनता से जुड़े मुद्दों पर दिल्ली सरकार की असंवेदनशीलता दर्शाती है कि वह जनता से अधिक अपने हितों को साधने में व्यस्त है।