Delhi Illegal Slums: दिल्ली में अवैध झुग्गियों पर डीडीए की सख्ती, कालकाजी भूमिहीन कैंप को खाली करने का आदेश

0
14

Delhi Illegal Slums: दिल्ली में अवैध झुग्गियों पर डीडीए की सख्ती, कालकाजी भूमिहीन कैंप को खाली करने का आदेश

राजधानी दिल्ली में अतिक्रमण और अवैध झुग्गियों के खिलाफ एक बार फिर सख्त रुख अपनाया गया है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी स्थित भूमिहीन (जेजे) कैंप को खाली कराने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम जारी किया है। डीडीए ने इन झुग्गियों को अवैध घोषित करते हुए वहां रहने वालों को नोटिस चस्पा किया है और चेतावनी दी है कि 8 से 10 जून तक यदि अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो फिर ध्वस्तीकरण अभियान चलाकर सभी अवैध ढांचों को गिरा दिया जाएगा।

यह कार्रवाई अदालत के स्पष्ट निर्देशों के तहत की जा रही है, जिसमें कहा गया है कि कालकाजी एक्सटेंशन क्षेत्र की सरकारी भूमि पर कब्जा कर बनी झुग्गियों को हटाया जाए। डीडीए के अधिकारियों ने बताया कि पहले से चिह्नित और पात्र पाए गए परिवारों को वैकल्पिक आवास की व्यवस्था कर दी गई है। डीयूएसआईबी (DUSIB) नीति के अनुसार, 1 जनवरी 2015 से पहले यहां निवास कर रहे 1,862 परिवारों को सरकारी आवास आवंटित किए गए हैं। यह कार्रवाई इन पात्र लोगों को सुरक्षित बसाने और शेष अतिक्रमण हटाकर सरकारी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में की जा रही है।

डीडीए ने नोटिस में लिखा है कि अदालत के आदेश के मुताबिक, जिन झुग्गियों को वैधता नहीं मिली है, उन्हें हटाया जाएगा। अतिक्रमणकारियों को कहा गया है कि वे निर्धारित समयसीमा के भीतर स्वेच्छा से अपने निर्माण को हटाएं, अन्यथा प्रशासन उन्हें बलपूर्वक हटाएगा। मई माह में भी डीडीए द्वारा इसी क्षेत्र में झुग्गियों पर कार्रवाई की गई थी, जिसमें कई अस्थायी ढांचों को गिराया गया था।

डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह अभियान न केवल जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए जरूरी है, बल्कि कालकाजी और आसपास के अन्य क्षेत्रों में सरकारी आवास परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने तथा भविष्य में पुनः अतिक्रमण से बचाने के उद्देश्य से भी अनिवार्य है। डीडीए की इस कार्रवाई से हजारों की संख्या में झुग्गीवासियों पर असर पड़ेगा, जिनमें से कई पहले ही पुनर्वास प्रक्रिया के अंतर्गत स्थानांतरित हो चुके हैं।

हालांकि, इस अभियान को लेकर सामाजिक संगठनों और झुग्गीवासियों में चिंता और नाराजगी भी देखी जा रही है। उनका कहना है कि तीन दिन की अवधि बेहद कम है और इससे पहले कोई वैकल्पिक योजना पूरी तरह कार्यान्वित नहीं हुई है। लेकिन प्रशासन का कहना है कि पात्र लोगों को पहले ही आवास दिए जा चुके हैं और अब अवैध कब्जों पर कानूनन कार्रवाई जरूरी है।

इस पूरे घटनाक्रम पर दिल्ली की राजनीति भी गर्मा सकती है, क्योंकि झुग्गी झोपड़ी वाले इलाकों में बड़ी संख्या में मतदाता रहते हैं और ऐसे फैसलों का सीधा असर आगामी चुनावों में दिखाई देता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here