यमुनापार के दोनों जोन चेयरमैन पद ब्राह्मणों को सौंप साधने का प्रयास किया भाजपा नें

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यमुनापार
यमुनापार के दोनों जोन चेयरमैन पद ब्राह्मणों को सौंप साधने का प्रयास किया भाजपा नें

यमुनापार के दोनों जोन चेयरमैन पद ब्राह्मणों को सौंप साधने का प्रयास किया भाजपा नें

जिला अध्यक्ष पर रहा था ओं.बी.सी.का बोलबाला

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,राजधानी दिल्ली की करीब एक तिहाई आबादी वाले यमुनापार के संगठनात्मक रूप से चारों जिलों में गैर ब्राह्मण जिला अध्यक्ष बनाने के बाद अगले ही दिन भाजपा नें अपनी भूल में सुधार करते हुए निगम के दोनों जोन चेयरमैन पदों के लिए ब्राह्मण चेहरों को उतार ब्राह्मणों को साधने का प्रयास करते हुए ब्राह्मण समाज में एक संदेश दे दिया है कि भाजपा सभी को साथ लेकर चलती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास के सिद्धांत पर ईमानदारी से अमल करती है |

भारतीय जनता पार्टी नें पूर्वी दिल्ली निगम जोन कमेटी के अध्यक्ष के लिए अपने पूर्व जिलाध्यक्ष रामकिशोर शर्मा को मैदान में उतारा है तो पुनीत शर्मा को उत्तर पूर्वी दिल्ली निगम समिति के अध्यक्ष के लिए चुना है | राम किशोर शर्मा शकरपुर से पार्षद है और पूर्व में पार्टी के जिला अध्यक्ष रहे हैं | पुनीत शर्मा पूर्वी करावल नगर वार्ड से पार्षद हैं वे वरिष्ठ भाजपा नेता टी.सी.शर्मा के पुत्र हैं | पूर्वी दिल्ली जोन उपाध्यक्ष के लिए पार्टी नें राजू सचदेवा को को तो उत्तर पूर्वी दिल्ली से जोन उपाध्यक्ष के लिए मुकेश बंसल के पर्चे भराए हैं | राजू सचदेवा जगतपुरी वार्ड से तो मुकेश बंसल कर्दम पुरी वार्ड से पार्षद है |

दोनों जोनो में भाजपा बहुमत में है लिहाजा उनके बहुमत से जीतने में कोई दिस दैट नहीं है | दरअसल जिला अध्यक्ष चयन में भाजपा नें जहां शाहदरा जिले से पंजाबी चेहरे के रूप में वरिष्ठ नेता दीपक गाबा को मौका दिया तो गुर्जर चेहरे के रूप में मयूर विहार से दिनेश धामा और उत्तर पूर्वी जिले से डॉ. यू.के.चौधरी तो नवीन शाहदरा जिले से मास्टर विनोद की ताजपोशी की थी | मास्इटर विनोद पांचाल समाज से हैं इस तरह तीन ओं.बी.सी.जिला अध्यक्ष बनाने की चर्चा जोर पकड़ रही थी |

अनेक लोगो नें सोशल मिडिया पर ब्राह्मणों की उपेक्षा की चर्चा भी की थी लिहाजा भाजपा नें बिना देरी किये ब्राह्मण कार्ड खेल सबके मुहं बंद कर दिए | उपाध्यक्ष के लिए भी एक जोन में वैश्य दूसरे तो दूसरे में पंजाबी चेहरा दे सभी वर्गो को खुश करने का प्रयास किया है | हालंकि इस समीकरण को बिठाने में कुछ मजबूत दावेदारों के नाम पीछे रह गए | इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता | लेकिन भाजपा के पास सन्गठन तथा सरकार में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को देने के लिए बहुत कुछ है और हो भी क्यों ना आखिर ट्रिपल इंजन की सरकार जो है | आज बस इतना ही …

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