पांच साल जनता के बीच सक्रिय रहना रही संजय गोयल की जीत की वजह

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संजय गोयल
पांच साल जनता के बीच सक्रिय रहना रही संजय गोयल की जीत की वजह

पांच साल जनता के बीच सक्रिय रहना रही संजय गोयल की जीत की वजह

आप पार्टी का प्रत्याशी बदलना भी रहा फायदे का सौदा

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,पूर्वी दिल्ली लोकसभा के तहत शाहदरा विधानसभा सीट जो कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती पिछले कई चुनावों से कांग्रेस वहां अपनी जमानत बचाने में भी कामयाब नहीं हो रही | पिछली बार जहां आम आदमी पार्टी के रामनिवास गोयल शाहदरा से विधानसभा चुनाव जीते थे इस बार भाजपा के जिला अध्यक्ष रहे संजय गोयल विधानसभा पहुंचे है | आप पार्टी नें इस बार शाहदरा से पद्मश्री जितेन्द्र सिंह शंटी को प्रत्याशी बनाया था | पिछले चुनाव में इस सीट से जहां संजय गोयल कड़ी टक्कर देते हुए 5 हजार 294 मतो के अन्तराल से हार गए थे वहीं इस बार लगभग उतने ही मार्जन 5 हजार 178 के अन्तराल से जीतने में कामयाब हो गए | संजय गोयल को पिछले चुनाव में 56 हजार 809 वोट मिले थे जबकि विजेता रामनिवास गोयल के खाते में 62 हजार 103 वोट आये थे वहीं कांग्रेस के डॉ.नरेंद्र नाथ को महज 4 हजार 474 वोट ही मिले थे | और उनकी जमानत जब्त हो गई थी | इस बार संजय गोयल को जहां 62 हजार 788 वोट मिले हैं वहीं आप पार्टी के जितेन्द्र शंटी को 57 हजार 610 मत मिले हैं जबकि पिछली बार की तरह ही कांग्रेस प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में कामयाब नहीं हुए |

कांग्रेस प्रत्याशी जगत सिंह को महज 3 हजार 862 वोट ही मिल सके | अब चर्चा कर लेते हैं संजय गोयल की जीत की ,चुनाव हारने के बाद संजय गोयल नें हिम्मत नहीं हारी और वे लगातार जनता के बीच सक्रिय रहे तथा लोगो के सुख दर्द में खड़े रहे | भाजपा नें उन्हें अहम जिम्मेदारी जिला अध्यक्ष की भी दे दी जिसके चलते वे पार्टी की मुख्यधारा से भी जुड़े रहे और सन्गठन की गतिविधियों में सक्रिय रहे जिसका उन्हें चुनाव में पूरा लाभ मिला | आप पार्टी द्वारा नया प्रत्याशी उतारने का लाभ भी उन्हें मिला इस सम्भावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता | वहीं पार्टी नें डॉ.अनिल गुप्ता जैसे मंजे हुए चुनावी रणनीति के महारथी डॉ.अनिल गुप्ता को शाहदरा सीट का प्रभारी बनाया हुआ था निश्चित रूप से संजय को उनके अनुभव का भी लाभ मिला | कुल मिलाकर संजय की जीत यह संदेश दे गई जो नेता जनता के बीच रहता है जनता उसे कभी भी नहीं छोडती | आज बस इतना ही …

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