आखरी सांस लेने से पहले कहा मेरा पार्थिव शरीर दान कर देना जोगिन्दर पाल नारंग नें
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : गीता में भगवान श्री कृष्ण के उपदेश का जिक्र है जो पुण्य आत्मा होती है उसे शरीर त्यागने में कोई कष्ट नहीं होता तथा उसे अपनी मौत का समय से पूर्व ही एहसास हो जाता है | ऐसी आत्मा सीधे मेरे धाम यानी बैकुंठ में पहुंचती है और आवागमन के चक्र से उसे मुक्ति मिल जाती है | भगवान श्री कृष्ण नें कहा है जो जन कर्म करते हुए फल को उद्देश नहीं बनाते वे कर्मयोगी कहलाते हैं और वे निष्काम भाव से किये गए कर्मों के कारण मेरे धाम यानी बैकुंठ धाम को प्राप्त कर लेते हैं |
ऐसे कई मामले सुनने को मिलते हैं अभी दो घंटे पहले तो मैंने उन्हें देखा था अरे क्या हो गया उन्हें अभी तो ठीक थे | कुछ ऐसा ही डिफेंस एन्क्लेव निवासी कर्मयोगी 91 वर्षीय जोगिन्द्र पाल नारंग के साथ हुआ | अपनी मौत से दो दिन पहले उन्होंने अपने परिजनों को बताया उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को शोध तथा जरुरतमन्द लोगो को अंगदान के लिए दधिची देह दान समिति के सुपुर्द कर देना ताकि उनका शरीर कुछ लोगो के काम आ सके | वैसे श्री नारंग
नें करीब बीस साल पहले यह ईच्छा लिखित में जाहिर की थी लेकिन उन्हें अंतिम समय भी अपना किया वादा याद था | श्री नारंग के दामाद राजीव साहनी नें बताया श्री नारंग सरकारी विभाग में नौकरी करते थे ,स्वभाव से मिलनसार तथा बेहद दयालु इन्सान और ईश्वर भक्ति में लीन रहते थे |
अपनी मौत से एक दिन पहले उन्होंने अन्न त्याग दिया था तथा अपनी अंतिम ईच्छा बता दी थी | श्री नारंग अपने पीछे हर भरा परिवार छोड़ गए हैं उनकी धर्मपत्नी संतोष नारंग,पुत्री प्रीती.दामाद राजीव साहनी,पुत्र निर्भीक तथा प्रवीन नारंग पुत्रवधू धेनु तथा दीपा व अन्य परिजन प्रियंका,विकास,मल्लिका – राहुल,राधिका कर्ण अरोड़ा,लक्षय,ओजस आदि | दामाद राजीव साहनी राजधानी दिल्ली के प्रमुख ऑटो मोबाईल टी.आर.साहनी के प्रबंध निदेशक है तो पुत्र
निर्भीक दूर संचार निगम टाटा कम्न्युकेशन में कार्यकारी निदेशक दूसरे पुत्र सुप्रसिद्ध मोटिवेटर प्रवीन नारंग हैं | राजीव साहनी नें बताया श्री नारंग की रस्म पगड़ी 26 नवम्बर को प्रीत विहार के दुर्गा मन्दिर में अपराह्न तीन बजे रखी गई है |